REET बुद्धि, चिन्तन, कल्पना एवं तर्क | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 25, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /20 83 1234567891011121314151617181920 बुद्धि, चिन्तन, कल्पना एवं तर्क | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 20 1. 25 वर्षीय लड़का जिसकी मानसिक आयु 16 है, का आई क्यू होगा – 64 75 80 100 Solution 2 / 20 2. गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त से संबंधित नहीं है- भाषायी बुद्धि प्रकृतिवादी बुद्धि अस्तित्ववादी बुद्धि घटकीय बुद्धि Solution • गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि के विभिन्न प्रकार- (1) भाषायी बुद्धि (2) तार्किक गणितीय बुद्धि (3) स्थानिक बुद्धि (4) शारीरिक गतिक बुद्धि (5) सांगीतिक बुद्धि (6) व्यक्तिगत स्व बुद्धि (Intrapersonal Intelligence) (7) व्यक्ति अन्य बुद्धि (Interpersonal Intelligence) (8) प्रकृतिवादी बुद्धि (9) आध्यात्मिक बुद्धि (10) अस्तित्ववादी बुद्धि नोट – घटकीय बुद्धि (Componential Intelligence) का संबंध स्टर्नबर्ग से है। 3 / 20 3. चिन्तन को प्रभावित करने वाले कारक हैं– सशक्त प्रेरणा व बुद्धि प्रत्यय, ध्यान तथा रुचि भाषा, सतर्कता व लचीलापन उपर्युक्त सभी Solution • चिन्तन को प्रभावित करने वाले कारक – • सशक्त प्रेरणा • बुद्धि • प्रत्यय, ध्यान तथा रुचि • भाषा • सतर्कता व लचीलापन 4 / 20 4. कौन-सा पद गिलफोर्ड के बुद्धि संरचना सिद्धान्त से संबंधित नहीं है? संक्रिया विषयवस्तु उत्पादन लाभ Solution • गिलफोर्ड के बुद्धि संरचना सिद्धान्त – (1) संक्रिया (Operation) (2) विषयवस्तु (Content) (3) उत्पादन (Products) 5 / 20 5. यदि शिक्षण द्वारा ताजमहल का वर्णन किए जाने के बाद कोई छात्र उस ताजमहल की कल्पना अपने–आप करना प्रारंभ कर देता है, तो इसे कहा जाता है– परिणामवादी कल्पना ग्राही कल्पना सौंदर्यबोधी सैद्धांतिक कल्पना Solution • ग्राही कल्पना (Receptive Imagination)– जब हम दूसरे की कही हुई बातों को ग्रहण करके उसके अनुसार अपने-आप ही कल्पना करने लगते हैं, तो उसे ग्राही कल्पना कहते हैं; जैसे- शिक्षक द्वारा ताजमहल का कक्षा में वर्णन किए जाने पर छात्र उस ताजमहल की कल्पना अपने आप करना प्रारम्भ कर देते हैं। 6 / 20 6. निम्नांकित वाक्यों पर ध्यान दें तथा उसके नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें? जहाँ- जहाँ धुआँ होता है, वहाँ वहाँ आग होती है। पहाड़ पर धुआँ है। पहाड़ पर आग है। उपर्युक्त वाक्य का निष्कर्ष किस तरह की तर्कणा का उदाहरण है? निगमनात्मक तर्कणा आगमनात्मक तर्कणा आलोचनात्मक तर्कणा सादृश्यवाची तर्कणा Solution • निगमनात्मक तर्कणा (Deductive Reasoning) :- इसमें व्यक्ति पहले से ज्ञात नियमों एवं तथ्यों के आधार पर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचने की कोशिश करता है। इसमें व्यक्ति पूर्व निर्धारित नियमों के आधार पर सत्य का परीक्षण करता है। (सामान्य से विशिष्ट की ओर) • इसमें सार्वभौमिक तथ्यों को विशिष्ट समस्याओं के समाधान में प्रयोग करते हैं। जैसे– सभी मनुष्य नाशवान है, मैं भी एक मनुष्य हूँ इसलिए मैं भी नाशवान हूँ। – जहाँ-जहाँ धुआँ होता है, वहाँ आग होती है, पहाड़ पर धुआँ है, इसलिए वहाँ आग है। 7 / 20 7. सृजनात्मक चिन्तन द्वारा किस प्रकार का तर्क अधिक प्रयोग किया जाता है? निगमनात्मक तर्क आगमनात्मक तर्क सादृश्यवाची तर्क आलोचनात्मक तर्क Solution • आगमन तर्क (Inductive Reasoning) :- इस तर्क में व्यक्ति दिए गए तथ्यों में अपनी ओर से नए तथ्य जोड़कर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचता है। इसमें व्यक्ति अपने अनुभवों या अपने संकलित तथ्यों के आधार पर किसी सामान्य नियम या सिद्धांत का निरूपण करता है। प्रयोगात्मकता एवं निरीक्षण इस तर्क का आधार है। • अत: आगमन तर्क में विशिष्ट तथ्यों के आधार पर सार्वभौमिक तथ्य निकाले जाते हैं। (विशिष्ट से सामान्य) जैसे- मोहन नाशवान है, करीम नाशवान है, इसलिए सभी मनुष्य नाशवान है। • सृजनात्मक चिन्तन द्वारा आगमनात्मक तर्क का अधिक प्रयोग किया जाता है। 8 / 20 8. चिन्तन की विशेषता है– चिन्तन एक कौशल है। चिन्तन एक वाद-विवाद है। चिन्तन एक मध्यस्थ प्रक्रिया है। उपर्युक्त सभी Solution • चिंतन की विशेषता/स्वरूप– • चिंतन में प्रतीकों, प्रतिमाओं आदि का मानसिक जोड़-तोड़ होता है। • चिंतन एक प्रकार का अप्रकट व्यवहार है। • चिंतन एक मध्यस्थ क्रिया है। • चिंतन की शुरुआत समस्या से होती है। • चिंतन में गत अनुभूति सम्मिलित होती है। • चिंतन एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है। • चिंतन सदैव लक्ष्य-निर्देशित होता है। • चिन्तन एक कौशल है। • चिन्तन एक वाद-विवाद है। 9 / 20 9. निम्न में से कौन-से मनोवैज्ञानिक ‘संवेगात्मक बुद्धि’ की अवधारणा से संबंधित है? पीटर सैलोवी जॉन मेयर डेनियल गोलमैन उपर्युक्त सभी Solution • संवेगात्मक बुद्धि शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1990 में अमेरिकन प्रोफेसर डॉ. जॉन मेयर तथा पीटर सैलोवी ने किया था। वर्तमान में इसे लोकप्रिय बनाने का श्रेय अमेरिकन मनोवैज्ञानिक डेनियल गोलमेन को जाता है। 10 / 20 10. किसने कहा कि बुद्धि वही है जो बुद्धि परीक्षण मापता है? बोरिंग बिने वेश्लर रॉबिन्सन Solution • बोरिंग– “बुद्धि वही है जो बुद्धि परीक्षण मापता है।” सर्वप्रथम बुद्धि की पहली औपचारिक परिभाषा बोरिंग (वर्ष 1923) ने दी। • डेविड वैश्लर– “बुद्धि एक समुच्चय या सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण क्रिया करता है, विवेकशील चिंतन करता है तथा वातावरण के साथ प्रभावकारी ढंग से समायोजन करता है।” 11 / 20 11. बुद्धि के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है? बुद्धि वंश क्रम और पर्यावरण की देन है। बुद्धि की लम्बवत् वृद्धि जीवनपर्यन्त होती है। बुद्धि पर किसी समूह या जाति का जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। बुद्धि लिंग भेद नहीं करती। Solution • बुद्धि की विशेषताएँ :- • बुद्धि एक जन्मजात क्षमता है। • बुद्धि वंशक्रम और पर्यावरण की देन है। • बुद्धि लिंगभेद नहीं करती है। • बुद्धि पर किसी समूह या जाति का जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। • बुद्धि द्वारा व्यक्ति अपने पूर्व अनुभवों से लाभ प्राप्त कर पाता है। • बुद्धि के कारण व्यक्ति नवीन परिस्थितियों में सामंजस्य कर पाता है। 12 / 20 12. बुद्धि के त्रितन्त्रीय (ट्राईआर्किक) सिद्धान्त के अनुसार, बुद्धि विश्लेषण, सृजनशील और व्यावहारिक रूप के अन्तर्गत आती है। बुद्धि के इस सिद्धान्त का विकास किया है- हॉवर्ड गार्डनर रॉबर्ट जे. स्टर्नबर्ग एल. एल. थर्स्टन ई. एल. थॉर्नडाइक Solution • त्रितंत्रीय बुद्धि सिद्धान्त :- • प्रतिपादक – रॉबर्ट जे. स्टर्नबर्ग (अमेरिका) • स्टर्नबर्ग के अनुसार “बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है, अपने तथा समाज और संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है और उन्हें परिवर्तित करता है।” • स्टर्नबर्ग के अनुसार बुद्धि मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं – • घटकीय/विश्लेषणात्मक बुद्धि • आनुभविक सृजनात्मक बुद्धि • व्यावहारिक बुद्धि 13 / 20 13. सृजनात्मकता की विशेषता होती है – मौलिकता प्रवाहशीलता लचीलापन उपर्युक्त सभी Solution • सृजनात्मकता की विशेषताएँ :- – मौलिकता – प्रवाहशीलता – लचीलापन – संवेदनशीलता – उच्च आकांक्षा स्तर – कल्पनाशीलता – विवेकशीलता – संवेग- स्थिरता – गतिशीलता – समस्या-समाधान की योग्यता 14 / 20 14. “बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है।”यह परिभाषा किसने दी? गाल्टन टरमन वुडवर्थ बिने Solution • टरमन के अनुसार – “बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है।” • बिने के अनुसार – “बुद्धि इन चार शब्दों में निहित हैं – ज्ञान, आविष्कार, निर्देश व आलोचना।” • गाल्टन के अनुसार – “बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शक्ति है।” • वुडवर्थ के अनुसार – “बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।” 15 / 20 15. किस चिन्तन में व्यक्ति किसी घटना, तथ्य अथवा वस्तु की सच्चाई स्वीकार करने से पहले उसके गुण–दोष की परख कर लेता है? सृजनात्मक चिन्तन आलोचनात्मक चिन्तन स्वली चिन्तन अभिसारी चिन्तन Solution • आलोचनात्मक/विश्लेषणात्मक चिन्तन– इस प्रकार के चिन्तन में व्यक्ति किसी वस्तु, घटना या तथ्य की सच्चाई को स्वीकार करने से पहले उसके गुण-दोष की समीक्षा करता है। क्या सही है, क्या गलत है, क्या करना चाहिए, क्या नहीं आदि को समझते हुए विचार अभिव्यक्त करता है। यह सर्वोच्च प्रकार का चिन्तन है। 16 / 20 16. थॉर्नडाइक व गैरेट के अनुसार बुद्धि का प्रकार नहीं है – मूर्त बुद्धि अमूर्त बुद्धि सामाजिक बुद्धि सांवेगिक बुद्धि Solution • थॉर्नडाइक व गैरेट ने बुद्धि के तीन प्रकार बताए हैं – 1. मूर्त बुद्धि/यांत्रिक बुद्धि 2. अमूर्त बुद्धि 3. सामाजिक बुद्धि 17 / 20 17. बुद्धि परीक्षण निर्माण के जन्मदाता हैं – फ्रांसिस गाल्टन अल्फ्रेड बिने लेवेटर विलियम स्टर्न Solution • बुद्धि परीक्षण – आधुनिक मनोवैज्ञानिक तरीके से बुद्धि परीक्षणों की शुरुआत का श्रेय फ्रांस के मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने को जाता है। जिन्होंने वर्ष 1904-05 में बिने साइमन परीक्षण का प्रतिपादन किया। • सामान्यत: बुद्धि परीक्षण को दो वर्गों में बाँटा जाता है– 1. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण 2. सामूहिक बुद्धि परीक्षण 18 / 20 18. किस प्रकार के चिंतन को ‘ब्रूनर ने प्रभावी आश्चर्य’ कहा है? सृजनात्मक चिंतन स्वली चिंतन अभिसारी चिंतन उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution • अपसारी/अमूर्त/आगमनात्मक/सृजनात्मक चिन्तन– इसमें व्यक्ति दिए गए तथ्यों में अपनी ओर से नया तथ्य जोड़कर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचता है। जब तक व्यक्ति अपनी ओर से नए तथ्यों का सर्जन (Create) नहीं करता, समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। इसमें व्यक्ति अमूर्त परिस्थितियों को भी समझ सकता है। इसे मौलिक चिन्तन भी कहते हैं। • ब्रूनर ने “सृजनात्मक चिंतन” को प्रभावी आश्चर्य कहा हैं। • इस चिंतन को एडवर्ड डी बोनो ने पार्श्विक चिंतन कहा। • इस चिंतन द्वारा जिस समस्या का समाधान होता है, उसका कोई एक निश्चित उत्तर नहीं होता है। 19 / 20 19. ऐसा चिन्तन जिसमें व्यक्ति अपने काल्पनिक विचारों एवं इच्छाओं की अभिव्यक्ति करता है,…. कहलाता है। यथार्थवाद चिन्तन स्वली चिन्तन सृजनात्मक चिन्तन अभिसारी चिन्तन Solution • स्वली चिन्तन (Autistic Thinking)– यह काल्पनिक होता है इसमें व्यक्ति अपनी काल्पनिक विचारों एवं इच्छाओं की अभिव्यक्ति करता है। • यह अवास्तविक होता है। स्वली चिन्तन से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति नहीं होती हैं। अर्थात् समस्या-समाधान नहीं होता है। 20 / 20 20. टरमन के अनुसार अत्युत्कृष्ट (Very Superior) रखते हैं – 140 से अधिक बुद्धिलब्धि 120-139 बुद्धिलब्धि 110-115 बुद्धिलब्धि 110 से नीचे बुद्धिलब्धि Solution • टरमन के अनुसार बुद्धि की दृष्टि से व्यक्तियों तथा बालकों में बहुत अधिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। अगर इन भिन्नताओं का ध्यान से अवलोकन किया जाए तो व्यक्तियों को उनकी बुद्धि-लब्धि के हिसाब से विभिन्न बुद्धि समूहों में विभाजित किया जा सकता हैं। बुद्धि-लब्धि बुद्धिमत्ता का स्तर 140 या उससे ऊपर – प्रतिभाशाली 120–139 – अत्युत्कृष्ट (Very superior) 110-120 – उत्कृष्ट (Superior) 90-110 – औसत या सामान्य 75-90 – अल्पबुद्धि 50-75 – मूर्ख 25-50 – मूढ़ 25 से कम – महामूर्ख या जड़ बुद्धि Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now