REET छन्द प्रकरण, अलंकार प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 25, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 22 12345678910 छन्द प्रकरण, अलंकार प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. ‘यास्यत्यद्य शकुन्तलेति ह्रदयं संस्पृष्टमुत्कण्ठया’ कण्ठस्तम्भित वाष्पवृत्तिकलुषश्चिन्ताजडं दर्शनम्। वैकलव्यं मम तावदीदृशमिदं स्नेहादरण्यौकस: पीड़यन्ते गृहिव: कथं नु तनया विश्लेष दु:खैर्नवै:।। इत्यत्र अलङ्कारोस्ति – व्यतिरेक: निदर्शना अनुप्रास: विशेषोक्ति Solution ● ‘यास्यत्यद्य शकुन्तलेति ह्रदयं संस्पृष्टमुत्कण्ठया’ यहाँ व्यतिरेक अलङ्कार है। यहाँ पुत्री वियोग में वनवासी जनो के दु:ख से, गृहस्थी लोगो के दु:ख को विशिष्ट बताया गया है। ● व्यतिरेक अलङ्कार – जहाँ पर उपमान का उपमेय से या उपमेय का उपमान से विशेष वर्णन किया जाए वहाँ व्यतिरेक अलङ्कार होता है। 2 / 10 2. ।।। ऽ।। ऽ।। ऽ।ऽ एतानि चिह्नानि कस्मिन् छन्दसि आयान्ति – द्रुतविलम्बितम् वंशस्थम् भुजङ्गप्रयातम् वसन्ततिलका Solution ● द्रुतविलम्बित छन्द में नगण (।।।)- भगण (ऽ।।)- भगण (ऽ।।) – रगण (ऽ।ऽ) का प्रयोग होता है। 3 / 10 3. अयं मार्तण्ड: किं? स खलु तुरगै: सप्तभिरित:, कृशानु: किम्? सर्वा: प्रसरति दिशो नैष नियतम्।। इत्यत्र अलङ्कार: वर्तते? उपमा उत्प्रेक्षा सन्देह: रुपक: Solution ● ‘अयं मार्तण्ड: किं? स खलु तुरगै: सप्तभिरित:’ पद्य में सन्देह अलङ्कार है क्योंकि यहाँ युद्ध करने वाले वीर में सूर्य:, अग्नि तथा यमराज का सन्देह प्रकट किया गया है। एवं सन्देहवाचक ‘किम्’ शब्द का प्रयाेग किया गया है। 4 / 10 4. ‘कावेरी वारि पावन: पवन:’ अत्र क: अलङ्कार वर्तते। यमकम् अनुप्रास: रूपकम् उपमा Solution ● कावेरी वारि पावन: पवन: उपर्युक्त उदाहरण में स्वरों की विषमता होने पर भी व्, र्, प्, व्, न्, व्यञ्जन वर्णों में अनुप्रास अलङ्कार है। 5 / 10 5. ‘श्रुतेरिवार्थं स्मृतिरन्वगच्छत्’ इत्यत्र अलङ्कारोऽस्ति – उपमा उत्प्रेक्षा रूपक दृष्टान्त: Solution ● ‘श्रुतेरिवार्थं स्मृतिरन्वगच्छत्’ यहाँ उपमा अलङ्कार है। उपमावाचक इव का प्रयोग किया गया है। ● उपमा – उपमान तथा उपमेय में भेद होने पर भी यदि उन दोनों में किसी गुण या क्रिया की समानता बतलायी जाती है तो वहाँ उपमा अलङ्कार होता है। ● यदि श्लोक में इव, समान, साम्यं, सम, तुल्य, सदृश:, वत् और यथा का प्रयोग हो तो वहाँ उपमा जाननी चाहिए। 6 / 10 6. त्वयि दृष्ट एव तस्या निर्वाति मनो मनोभवज्वलितम्। आलोके हि हिमांशोर्विकसति कुसुमं कुमुद्वत्या:।। अत्र क: अलङ्कार:? तुल्ययोगिता अर्थान्तरन्यास: दृष्टान्त: निदर्शना Solution ● त्वयि दृष्ट एव……..कुसुमं कुमुद्वत्या:।। ● इस पद्य में चन्द्रमा के प्रकाश से कुमुदिनी पुष्प के खिलने का दृष्टान्त नायक के देखने पर नायिका के प्रसन्न होने के साथ दिखाया गया है। अत: परस्पर बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव होने के कारण यहाँ दृष्टान्त अलङ्कार हुआ है। 7 / 10 7. वसन्ततिलका छन्दसि प्रतिचरणं कति वर्णा: भवन्ति? एकादश द्वादश त्रयोदश चतुर्दश Solution ● वसन्ततिलका छन्द वाले पद्य के प्रत्येक चरण में चतुर्दश (14) वर्ण होते हैं तथा कुल 56 वर्ण होते हैं। ● वसन्ततिलका – ‘उक्ता वसन्ततिलका तभजा जगौ ग:’ अर्थात् वसन्ततिलका के प्रत्येक पाद में तगण, भगण, जगण, जगण और अन्त में दो गुरु वर्ण होते हैं। 8 / 10 8. भुजङ्गप्रयातम् छन्दसि प्रतिचरणं कति वर्णा: भवन्ति दश एकादश द्वादश चतुर्दश Solution ● भुजङ्गप्रयात छन्द वाले पद्य के प्रत्येक चरण में द्वादश (12) वर्ण होते हैं। तथा कुल 48 वर्ण होते हैं। यह एक वर्णिक छन्द है। 9 / 10 9. भोगिलोकै: इति यति: कस्मिन् छन्दसि आयाति? मालिनी वंशस्थ: शिखरिणी वसन्ततिलका Solution ● मालिनी – ‘ननमययुतेयं मालिनी भोगिलौके:’ मालिनी छन्द के प्रत्येक चरण में क्रमश: नगण-नगण-मगण-यगण-यगण का प्रयोग होता है। ● अत: ‘भोगोलोकै:’ मालिनी छन्द के लक्षण में आता है। 10 / 10 10. अम्बुधिरसनगै: वर्णे: यति: कस्मिन् छन्दसि विद्यते? शार्दूलविक्रीडितम् शिखरिणी हरिणी मन्दाक्रान्ता Solution ● अम्बुधिरसनगै: वर्णै: यति: मन्दाक्रान्ता छन्दसि विद्यते। अम्बुधि (सागर) 4 हैं, रस 6 हैं, और नग (पर्वत) 7 है। अत: इससे मन्दाक्रान्ता छन्द में यति होगी। उदाहरण – यद्वा तद्वा विषमपतित: साधु वा गर्हितं वा कालापेक्षी ह्रदयनिहितं बुद्धिमान् कर्म कुर्यात्। ● मन्दाक्रान्ता छन्द के प्रत्येक पद में 17 वर्ण होते हैं। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now