REET LEVEL 1 मूल्यांकन की औपचारिक और अनौपचारिक विधियाँ | REET 1st Level 2025 | गणित | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 24, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 24 12345678910 मूल्यांकन की औपचारिक और अनौपचारिक विधियाँ | REET 1st Level 2025 | गणित | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. गणित की परीक्षा में मुक्त उत्तरात्मक प्रश्न है- वस्तुनिष्ठ प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रश्न अति-लघुत्तरात्मक प्रश्न Solution गणित की परीक्षा में निबंधात्मक प्रश्न मुक्त उत्तरात्मक प्रश्न है क्योंकि इस प्रकार के प्रश्नों में छात्रों को उत्तर देने में कोई प्रतिबंध नहीं होता है। छात्र स्वयं उत्तर की प्रकृति तथा प्रकार के बारे में निर्णय लेते हैं। अतिरिक्त जानकारी – निबंधात्मक परीक्षाओं के गुण/विशेषताएँ- ● उच्च मानसिक क्रियाओं का मापन। ● व्यक्तित्व एवं चिंतन विधि पर प्रकाश ● भावों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति संभव ● वांछनीय अध्ययन विधियों के विकास में सहायक ● विश्वसनीयता एवं वैधता में बढ़ोतरी संभव ● उचित अध्ययन विधि को प्रोत्साहन ● प्रश्न रचना अत्यधिक सरल। ● विद्यार्थियों को पढ़ाए जाने वाले कुछ पाठ्यक्रमों पर निबंधात्मक प्रश्न ही संभव हैं। ● नकल की कम संभावना। 2 / 10 2. योगात्मक मूल्यांकन की प्रकृति होती है- निर्णायक सुधारात्मक विकासात्मक उपर्युक्त सभी Solution योगात्मक मूल्यांकन की प्रकृति निर्णायक होती है। योगात्मक मूल्यांकन का उपयोग ग्रेड देने के लिए किया जाता है। योगात्मक मूल्यांकन शिक्षण के अन्त में होता है। अतिरिक्त जानकारी – संरचनात्मक/रचनात्मक/निर्माणात्मक/रूपात्मक आकलन (Formative Assessment) :- ● निर्माणात्मक मूल्यांकन शिक्षण काल में होता है। यह पता लगाने के लिए होता है कि क्या विद्यार्थियों ने विशिष्ट कलाओं में पर्याप्त दक्षता प्राप्त कर ली है? क्या इन कलाओं में और आगे शिक्षण देना उचित है? ● निर्माणात्मक मूल्यांकन के अंतर्गत मापन की भूमिका अलग से प्रत्येक कुशलता में जो विद्यार्थी ने सीखी है उसकी दक्षता का पता लगाना है। ● निर्माणात्मक मूल्यांकन का प्रयोग विद्यार्थी को पृष्ठपोषण देने के लिए किया जाता है। 3 / 10 3. जाँच सूची है– मूल्यांकन की औपचारिक विधि मूल्यांकन की अनौपचारिक विधि मूल्यांकन की निरौपचारिक विधि मूल्यांकन की निरौपचारिक विधि Solution जाँच सूची, मूल्यांकन की औपचारिक विधि है। जाँच सूची का प्रयोग बालक की अभिवृत्तियों, अभिरुचियों तथा भावनात्मक पक्ष की जाँच के लिए किया जाता है। मूल्यांकन की औपचारिक विधि में विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति का मूल्यांकन निर्धारित योजनानुसार लिखित या मौखिक रूप से किया जाता है। अतिरिक्त जानकारी – जाँच सूची में कुछ कथन दिए होते हैं, उन कथनों के संबंध में ‘हाँ’ (Yes) या ‘नहीं’ (No) में उत्तर देना होता है। इस सूची का निर्माण करते समय उद्देश्यों की स्पष्टता पर ध्यान रखना चाहिए। प्रत्येक कथन को किसी विशेष उद्देश्य का मापन करना चाहिए। उदाहरण के लिए- आप दैनिक पाठ योजना निर्माण में रुचि लेते हैं। (हाँ/नहीं) आप शिक्षण करने में आनंद की अनुभूति करते हैं। (हाँ/नहीं) आप गणित का अध्यापन करना पसंद करते हैं। (हाँ/नहीं) 4 / 10 4. यदि आज किसी परीक्षा में प्राप्त अंकों तथा कुछ महीनों के बाद उसी परीक्षा में दिए जाने पर प्राप्त अंकों में समानता मिलती है तो परीक्षा कहलाती है- वैधता विश्वसनीयता वस्तुनिष्ठता व्यापकता Solution जब एक ही बालक की जाँच भिन्न-भिन्न शिक्षकों के द्वारा या भिन्न भिन्न प्रकारों से किए जाने पर भी उस बालक के परिणामों में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं आता है तो यह उस मूल्यांकन की विश्वसनीयता को दर्शाता है। अतिरिक्त जानकारी – वस्तुनिष्ठता (Objectivity) – ● जिस परीक्षा पर परीक्षक का व्यक्तिगत प्रभाव नहीं पड़ता है, वह परीक्षा वस्तुनिष्ठ कहलाती है। विश्वसनीयता (Reliability) – ● यदि किसी परीक्षा के परिणाम समान परिस्थितियों में एक समान बने रहते हैं तो उस परीक्षा को विश्वसनीय (Reliable) माना जाता है। ● इस प्रकार किसी परीक्षा को विश्वसनीयता परीक्षा में न्यादर्श की मात्रा (Sample Size) तथा अंकों की वस्तुनिष्ठता (Objectiveity in Scoring) पर निर्भर करती है। वैधता (Validity) – ● यदि कोई परीक्षण वही मापन करता है जिसके मापन के लिए इसका निर्माण हुआ है तो वह परीक्षण वैध (Valid Test) कहलाता है।व्यापकता (Comprehensivenss) – ● व्यापकता के अन्तर्गत परीक्षण का वह प्रारूप आ जाता है जिसके द्वारा परीक्षण उस योग्यता (Trait) के विभिन्न पक्षों का मापन करने में समर्थ हो सकता है जिसके मापन हेतु उसको निर्मित किया गया है। 5 / 10 5. मूल्यांकन की औपचारिक विधियों में सम्मिलित है/हैं- चैक लिस्ट प्रश्नावली प्रदत्त कार्य उपर्युक्त सभी Solution यह मूल्यांकन का वह तरीका है। जिसमें विद्यार्थी की शैक्षिक प्रगति का निर्धारण विभागीय योजनानुसार समय-समय लिखित या मौखिक रूप से मूल्यांकन किया जाता है। औपचारिक मूल्यांकन की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित है- (i) जाँच सूची (ii) प्रश्नावली (iii) परीक्षण (iv) अभ्यास कार्य (v) साक्षात्कार (vi) प्रदत्त कार्य 6 / 10 6. अच्छे मूल्यांकन परीक्षण की विशेषताएँ हैं – वस्तुनिष्ठता विश्वसनीयता वैधता उपर्युक्त सभी Solution अच्छे मूल्यांकन परीक्षण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं- (i) स्पष्टता (ii) वस्तुनिष्ठता (iii) विश्वसनीयता (iv) वैधता (v) मानक (vi) विभेदकारिता (vii) व्यापकता (viii) व्यावहारिकता 7 / 10 7. कोठारी आयोग के अनुसार मूल्यांकन किस प्रकार की प्रक्रिया है- एकाकी सतत उपयोगी उपयोगी Solution – “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा शिक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। यह शिक्षा के उद्देश्यों से पूर्णरूप से सम्बन्धित है। मूल्यांकन के द्वारा शैक्षिक उपलब्धि की ही जाँच नहीं की जाती, बल्कि उसके सुधार में भी सहायता मिलती है।” अतिरिक्त जानकारी – मूल्यांकन की आवश्यकता एवं महत्त्व :- ● मूल्यांकन की आवश्यकता एवं महत्त्व को निम्न बिन्दुओं की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है- – मूल्यांकन के द्वारा बालकों की मानसिक शक्ति, रुचि तथा उनके दृष्टिकोण का अनुमान लगाया जा सकता है। – यह बालकों को योग्यतानुसार विभिन्न समूहों में विभाजित करने के लिए आवश्यक है। – छात्रों को व्यावसायिक एवं शैक्षिक निर्देशन देने के लिए आवश्यक है। – इसके द्वारा अधिगम-प्रक्रिया में सुधार होता है। 8 / 10 8. मूल्यांकन उद्देश्य के सन्दर्भ में असंगत है- पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन करना। परीक्षा प्रणाली में सुधार करना। निर्देशित एवं परामर्श हेतु अनुचित अवसर प्रदान करना। उपर्युक्त सभी Solution मूल्यांकन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है- पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन करना। परीक्षा प्रणाली में सुधार करना। निर्देशन एवं परामर्श हेतु उचित अवसर प्रदान करना। बालकों के व्यवहार सम्बन्धी परिवर्तनों की जाँच करना। अध्यापकों की कार्यकुशलता एवं सफलता का मापन करना। 9 / 10 9. अनियंत्रित परिस्थितियों में किस प्रकार का साक्षात्कार होता है– संरचित साक्षात्कार असंरचित साक्षात्कार 1 और 2 दोनों उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution ● अनियंत्रित परिस्थितियों में असंरचित साक्षात्कार होता है। साक्षात्कार में मूल्यांकनकर्ता आमने-सामने बैठकर तथ्यों का संकलन करता है। साक्षात्कार में व्यक्ति का व्यक्ति से सम्पर्क होता है तथा इसका एक विशिष्ट उद्देश्य होता है। यह एक मनोवैज्ञानिक प्रविधि है, जिसके द्वारा छात्रों के संबंध में यथार्थ एवं विश्वसनीय सूचनाएँ एकत्र की जाती है। 10 / 10 10. निम्नलिखित में मूल्यांकन की गुणात्मक प्रविधि नहीं हैं- अवलोकन जाँच सूची मौखिक परीक्षा संचयी अभिलेख Solution मौखिक परीक्षा मूल्यांकन की गुणात्मक प्रविधि नहीं हैं। मूल्यांकन की गुणात्मक प्रविधियाँ- अवलोकन (निरीक्षण), आकस्मिक निरीक्षण अभिलेख, जाँच सूची, साक्षात्कार, संचयी अभिलेख, प्रश्नावली व क्रम निर्धारण मापनी हैं। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now