REET LEVEL 1 सामान्य रोग और बचाव के उपाय | REET 1st Level 2025 | पर्यावरण | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 23, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 22 12345678910 सामान्य रोग और बचाव के उपाय | REET 1st Level 2025 | पर्यावरण | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. डेंगू बुखार में, मानव शरीर में निम्नलिखित में से किसकी कमी हो जाती है? जल की RBC की प्लेटलेट्स की शर्करा की Solution डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। चूँकि प्लेटलेट्स शरीर में रक्तस्राव रोकने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, अत: इनकी कमी से असामान्य रक्तस्राव हो सकता है। 2 / 10 2. निम्नलिखित में से डिफ्थीरिया रोग के लक्षण हैं- गले में संक्रमण होना। साँस लेने में कठिनाई होना। गहरे लाल दाने दिखाई देना। उपर्युक्त सभी Solution -डिफ्थीरिया रोग से श्वसन मार्ग में गाढ़ा पदार्थ ठोस होकर जमने लगता है, जिसके कारण साँस लेने में कठिनाई आती है। -डिफ्थीरिया रोग को गलघोंटू रोग भी कहा जाता है। -कोरोनी बैक्टीरियम डिफ्थिराई रोग कारक के कारण संक्रमित वस्तुओं एवं दूषित जल भोजन में डिफ्थीरिया रोग होता है। -डिफ्थीरिया रोग से मानव शरीर का श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। 3 / 10 3. दूषित जल तथा दूषित भोजन से फैलने वाला रोग है- काला अजार मलेरिया गैम्बियन ज्वर पेचिश रोग Solution पेचिश रोग एन्ट अमीबा हिस्टोलिका नामक प्रोटोजोआ द्वारा होता है। ये रोग दूषित जल तथा दूषित भोजन से फैलता है। इस रोग में आँत्र संकुचित हो जाती है, जिसके कारण पेट में अल्सर तथा घाव उत्पन्न हो जाते हैं। 4 / 10 4. मलेरिया परजीवी, अमीबा आदि सूक्ष्मजीवों के अध्ययन को कहते हैं- रोग विज्ञान या पैथोलॉजी विषाणु विज्ञान या वाइरोलॉजी प्रोटोजोआ विज्ञान या प्रोटोजूलॉजी परजीवी विज्ञान या पैरैसाइटोलॉजी Solution – मलेरिया परजीवी, अमीबा आदि सूक्ष्मजीवों के अध्ययन को प्रोटोजोआ विज्ञान या प्रोटोजूलॉजी कहते हैं। 5 / 10 5. हीमोग्लोबिन में पाया जाता है- केवल Fe⁺² केवल 4 पेप्टाइड शृंखलाएँ 1 व 2 दोनों उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution -हीमोग्लोबीन में Fe+2 तथा 4 पेप्टाइड शृंखलाएँ पाई जाती है। -इन पेप्टाइड शृंखलाओं में 2- αα पेप्टाइड व 2β-पेप्टाइड शृंखलाएँ पाई जाती हैं। 6 / 10 निम्नलिखित में से असुमेलित है- रोग – 6. रोग कारक टायफाइड – साल्मोनेला टाइफी हैजा – विब्रियो कॉलेरी काली खाँसी – ट्रिपेनोमा पेलोडियम मलेरिया – प्लाज्मोडियम Solution -काली खाँसी नामक रोग का रोगकारक हीमोफिलस परट्यूसिस/बोडैटेला परट्यूसिस है। -इस रोग को परट्यूसिस/कुकर खाँसी भी कहा जाता है, जो 100 दिन तक चलती है। -इससे बचाव के लिए DPT का टीका लगवाना चाहिए। 7 / 10 7. OPV (Oral Polio Vaccine) के संबंध में सत्य कथन है- 1. OPV की खोज साबिन ने की थी। 2. OPV के द्वारा पोलियो के जीवित वायरस को मुखगुहा के द्वारा शरीर में प्रवेश कराया जाता है। केवल 1 केवल 2 1 व 2 दोनों उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution -OPV की खोज साबिन ने की थी। -OPV के द्वारा पोलियो के जीवित वायरस को मुखगुहा के द्वारा शरीर में प्रवेश कराया जाता है। 8 / 10 8. मादा एनोफिलिज मच्छर है- रोग कारक रोग वाहक वाहक आशय Solution -मादा एनोफिलिज मच्छर एक रोग वाहक है। -मादा एनोफिलिज मच्छर मलेरिया के रोगकारक प्लाज्मोडियम की रोग वाहक है। 9 / 10 9. मलेरिया से प्रभावित होने वाला अंग है : छोटी आँत फेफड़ा अग्न्याशय प्लीहा (तिल्ली) Solution – मलेरिया प्लाज्मोडियम (Plasmodium) नामक एक कोशिकीय प्रोटोजोआ जन्तु के कारण होता है तथा इसकी वाहक मादा एनोफिलीज (Female Anopheles ) मच्छर होती है, जो कि द्वितीयक पोषद (Secondary Host) है। इससे प्रभावित होने वाला अंग प्लीहा (Spleen) है जिसमें संक्रमण से आकार बढ़ जाता है। इस रोग के उपचार हेतु एटाब्रिन, क्लोरोक्वीन, कामाक्विन इत्यादि औषधियों को लेना चाहिए। 10 / 10 10. निम्नलिखित में से रोग का कारण है- संक्रमण पोषण विकार अंग का क्षतिग्रस्त होना उपर्युक्त सभी Solution -संक्रमण, पोषण विकार, अंग का क्षतिग्रस्त होना तथा आनुवंशिक कारणों से रोग होता है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now