REET अनुवाद प्रकरण अशुद्धि संशोधन प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 22, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 10 12345678910 अनुवाद प्रकरण अशुद्धि संशोधन प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. मोहन छकड़े से गाँव जाता है। अस्य वाक्यस्य संस्कृतानुवाद अस्ति – मोहनेन शकतेन ग्रामं गच्छति। मोहन: शकटं ग्रामं गच्छति। मोहन: शकटेन ग्रामं गच्छति। मोहन: शकटं ग्राम: गच्छति। Solution मोहन छकड़े से गाँव जाता है। का शुद्ध संस्कृत अनुवाद होगा – मोहन: शकटेन ग्रामं गच्छति।यहाँ ‘कर्तृकरणयोस्तृतीया’ सूत्र से अनुक्त करण शकटेन (छकड़े से) में तृतीया विभक्ति का प्रयोग हुआ है। 2 / 10 2. वह गुरुकुल में अध्ययन के प्रयोजन से रहता है। उपर्युक्त वाक्यस्य शुद्ध – संस्कृतानुवाद: स्यात् – स: गुरुकुलं अध्ययनाय वसति। स: गुरुकुले अध्ययनं वसते। स: अध्ययनेन गुरुकुलं उपवसति। स: गुरुकुले अध्ययनात् हेतो: वसति। Solution वह गुरुकुल में अध्ययन के प्रयोजन से रहता है। इस वाक्य का संस्कृत में अनुवाद होगा – स: अध्ययनेन गुरुकुलं उपवसति। इस वाक्य से स्पष्ट है कि जिस प्रयोजन से कोई कार्य किया जाता है उसमें तृतीया विभक्ति होती है। अत: ‘अध्ययनेन’ पद में तृतीया विभक्ति हुई। ‘गुरुकुलं’ पद में ‘उपान्वध्याङ्वस:’ सूत्र से द्वितीया विभक्ति हुई है। 3 / 10 3. आभा पुष्पं जिघ्रति। उपर्युक्तवाक्यस्य हिन्दी अनुवाद: भवेत् – आभा फूल खाती है। आभा फूल से नफरत करती है। आभा पुष्प पसन्द करती है। आभा फूल सूँघती है। Solution ‘आभां पुष्पं जिघ्रति’ का हिन्दी अनुवाद है – आभा फूल सूँघती है। ‘जिघ्रति’ का अर्थ है – ‘सूँघना’। 4 / 10 4. बाला: दुग्धं पिबामि। वाक्यमिदं संशोधयत – बाला: दुग्धं पिबति। बाल: दुग्धानि पिबन्ति। बाला: दुग्धं पिबन्ति। बाला: दुग्धा: पिबन्ति। Solution ●‘बाला: दुग्धं पिबन्ति’। यहाँ कर्ता बाला: के अनुसार क्रिया भी प्रथम पुरुष बहुवचन की प्रयुक्त होती है। 5 / 10 5. देवेश माता के लिए अच्छा है। अस्य वाक्यस्य शुद्धानुवाद: स्यात् – देवेश: मात्रे साधु:। देवेश: मातु: साधु:। देवेश: मातरि साधु:। देवेश: मात्रं साधु:। Solution ‘देवेश माता के लिए अच्छा है।’ इस वाक्य का शुद्ध अनुवाद ‘देवेश: मात्रे साधु:’ होगा। यहाँ पर ‘मात्रे’ पद में चतुर्थी विभक्ति हुई है क्योंकि ‘के लिए’ अर्थ में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है। 6 / 10 6. नृप: दुर्जनं क्रुध्यति। रेखाङ्कितपदे शुद्धरूपं भविष्यति। दुर्जनेन दुर्जनात् दुर्जनस्य दुर्जनाय Solution ●नृप: दुर्जनाय क्रुध्यति। यहाँ क्रुधद्रुहेर्ष्यासूयार्थानां यं प्रति कोप: सूत्र के अनुसार क्रुध् धातु के योग दुर्जन पद में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग किया गया है। 7 / 10 7. पुष्पै: वायु: सुरभिता: भवति? रेखाङ्कितपदे शुद्धरूपमस्ति – सुरभितम् सुरभित सुरभिता सुरभितै Solution ●पुष्पै: वायु: सुरभित: भवति। यहाँ वायु: विशेष्य के अनुसार विशेषण सुरभित: का प्रयोग हुआ है। 8 / 10 8. मञ्चे एकस्य नाटकस्य मञ्चनं भविष्यत:। रेखाङ्कितपदे शुद्धरूपमस्ति- भविष्यामि भविष्यन्ति भविष्यति भविष्यसि Solution ●मञ्चे एकस्य नाटकस्य मञ्चनं भविष्यति। यहाँ कर्ता नाटक के अनुसार क्रिया प्रथम पुरुष एकवचन भविष्यति प्रयुक्त हुई है। 9 / 10 9. गृहस्य परित: वाटिका अस्ति। वाक्यमिदं संशोधयत् – गृहात् परित: वाटिका अस्ति। गृहे परित: वाटिका अस्ति। गृहं परित: वाटिका अस्ति। गृहाय परित: वाटिका अस्ति। Solution ●गृहं परित: वाटिका अस्ति। यहाँ ‘परित:’ के योग में ‘गृहं’ पद में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग हुआ है। 10 / 10 10. बालक: दुग्धा पिबति। रेखाङ्कितं पदं संशोधयत – दुग्धं दग्ध दुग्ध दुग्धेन Solution ●बालक: दुग्धं पिबति। यहाँ कर्तुरीप्सिततमं कर्म सूत्र से दुग्ध की कर्म संज्ञा होकर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग हुआ है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now