REET शब्दरूप प्रकरण, धातुरूप प्रकरण, कारक प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 22, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 16 12345678910 शब्दरूप प्रकरण, धातुरूप प्रकरण, कारक प्रकरण | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. ‘पवने’ इत्यत्र का विभक्ति:? षष्ठी सप्तमी चतुर्थी पञ्चमी Solution ●‘पवन’ शब्द सप्तमी विभक्ति एकवचन में ‘पवने’ रूप बनता है। 2 / 10 2. ‘साधु’ शब्दस्य तृतीया बहुवचने रूपं भवति – साधून साधुभि साधूभि साधुभि Solution ●‘साधु’ शब्द तृतीया विभक्ति बहुवचन में ‘साधुभि:’ रूप बनता है।तृतीया विभक्ति – साधुना, साधुभ्याम्, साधुभि:। 3 / 10 3. ‘आत्मसु’ इत्यत्र का विभक्ति:? सप्तमी षष्ठी पञ्चमी चतुर्थी Solution ●‘आत्मन्’ शब्द सप्तमी विभक्ति बहुवचन में ‘आत्मसु’ रूप बनता है।सप्तमी विभक्ति – आत्मनि, आत्मनो:, आत्मसु 4 / 10 4. ‘तीर्थयात्रायै’ इत्यत्र का विभक्ति:? षष्ठी चतुर्थी पञ्चमी तृतीया Solution ●‘तीर्थयात्रायै’ पद में चतुर्थी विभक्ति एकवचन है। 5 / 10 5. ‘न्याय्यात् पथ: प्रविचलन्ति’ वाक्यमिदं लोट्लकारे परिवर्तयत – न्याय्यात् पथ: प्रविचलिष्यन्ति न्याय्यात् पथ: प्रविचलेत् न्याय्यात् पथ: प्रविचलन्तु न्याय्यात् पथ: अविचलत् Solution लट् लकार प्रथम पुरुष बहुवचन – प्रविचलन्तिलोट् लकार प्रथम पुरुष बहुवचन – प्रविचलन्तु 6 / 10 6. स: पाठं पठसि। रेखाङ्कितपदेस्य स्थाने उचित पदं स्यात् – पठति पठत पठन्ति पठाव Solution स: पाठं पठति। यहाँ कर्ता ‘स:’ लट् लकार प्रथम पुरुष एकवचन होने से क्रिया भी लट् लकार प्रथम पुरुष एकवचन की प्रयुक्त हुई है। 7 / 10 7. स: लेखं ……। रिक्तस्थाने उचित पदं स्यात् – लिखेत् लिखेत लिखेतम् लिखे Solution स: लेखं लिखेत्। कर्तृवाच्य के वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार होता है। कर्ता प्रथम पुरुष एकवचन का है क्रिया भी प्रथम पुरुष एकवचन की होगी। 8 / 10 8. शुद्ध वाक्यमस्ति – पिता पुत्रं धनं याचति। पिता पुत्रं धनं याचते। पिता पुत्रात् धनं याचते। पिता पुत्रेण धनं याचते। Solution ‘पिता पुत्रं धनं याचते’ वाक्य शुद्ध है, क्योंकि याच् धातु के योग में पुत्र (अपादान) की कर्म संज्ञा होकर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग हुआ है। 9 / 10 9. ‘हेत्वर्थे’ विभक्ति: स्यात्? द्वितीया तृतीया चतुर्थी षष्ठी Solution हे तौ सूत्र के अनुसार कारणवाचक पदों में तृतीया विभक्ति होती है। 10 / 10 10. अधिकरणे विभक्ति: स्यात् – पञ्चमी सप्तमी षष्ठी चतुर्थी Solution सप्तम्यधिकरणे च सूत्र के अनुसार अधिकरण में सप्तमी विभक्ति होती है।सप्तम्यधिकरणेअधिकरणे सप्तमी स्यात्।• अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है; यह सूत्र सप्तमी विभक्ति का विधायक है।जैसे –सः आसने उपविशति – इसमें कर्ता ‘सः’ की क्रिया ‘उपविशति’ का आधार ‘आसन’ है, अतः उसमें अधिकरण कारक, सप्तमी विभक्ति हुई। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now