REET समायोजन | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 21, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 25 12345678910 समायोजन | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. कुसमायोजन से तात्पर्य है – बालक और उसके वातावरण में असंतुलन स्वार्थी व असामाजिक होना संवेगात्मक असंतुलन उपर्युक्त सभी Solution – कुसमायोजन :- कुसमायोजन, समायोजन की विपरीत अवस्था है अर्थात् जब व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पाता है तथा अपने वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने में असमर्थ रहता है तो यह कुसमायोजन कहलाता है। – कुसमायोजित व्यक्ति के लक्षण :- – बालक और उसके वातावरण में असंतुलन – स्वार्थी व असामाजिक होना – संवेगात्मक असंतुलन – चिन्ताग्रस्त – आत्मविश्वास की कमी – धैर्य व सहनशीलता का अभाव – आक्रामक व्यवहार 2 / 10 2. निम्नलिखित में से कौन-सी रक्षात्मक युक्ति नहीं है? 1. क्षतिपूर्ति 2. औचित्य स्थापन 3. साहचर्य 4. प्रक्षेपण 5. तादात्मीकरण कूट केवल 3 1 एवं 2 3 एवं 5 2 एवं 4 Solution – रक्षात्मक युक्तियाँ – – क्षतिपूर्ति – औचित्य स्थापन – प्रक्षेपण – तादात्मीकरण – दमन – प्रतिगमन 3 / 10 3. प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती में असफल व्यक्ति तृतीय श्रेणी शिक्षक बनकर स्वयं को समायोजित करता है तो यह उपाय है – बाधा निवारण मार्ग परिवर्तन लक्ष्य प्रतिस्थापन निष्कर्ष Solution – लक्ष्य प्रतिस्थापन (Substitution of Others Goals) – जब व्यक्ति अपने मौलिक लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल नहीं होता है तब वह उसके बजाय उसी प्रकृति का अन्य छोटा लक्ष्य बना लेता है और स्वयं को समायोजित करता है। जैसे- प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती में असफल व्यक्ति तृतीय श्रेणी शिक्षक बनकर लक्ष्य समायोजित कर लेता है। 4 / 10 4. समायोजन के सन्दर्भ में निम्न में से कौन-सा गलत है? यह संतुलन प्रदान करता है। यह समस्या का समाधान करता है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया नहीं है। समायोजन की अनुपस्थिति में व्यक्ति तनाव संघर्ष तथा चिंताओं से घिरा रहता है। Solution – समायोजन की प्रकृति:- – समायोजन निरंतर (सतत) चलने वाली प्रक्रिया है। – मानसिक व शारीरिक संतुलन बनाए रखने की योग्यता। – यह समस्या का समाधान करता है। – समायोजन की अनुपस्थिति में व्यक्ति तनाव, संघर्ष तथा चिंताओं से घिरा रहता है। – .समायोजन व्यक्ति के व्यवहार एवं वातावरण में परिवर्तन करता है। – समायोजन उपलब्धि है। 5 / 10 5. बालक जो अपने विद्यालय में अच्छा कार्य नहीं करते हैं प्रायः अपने अध्यापकों की आलोचना करते हैं। समायोजन की यह यान्त्रिकी कहलाती है – क्षति पूर्ति शोधन औचित्य स्थापन प्रक्षेपण Solution – प्रक्षेपण :- इस युक्ति में व्यक्ति अपनी कमी/दोष को दूसरे व्यक्ति या परिस्थिति पर आरोपित करता है अर्थात् व्यक्ति अपने दोष या कमी के लिए किसी दूसरे व्यक्ति, वस्तु या परिस्थिति को जिम्मेदार ठहराता है। जैसे – नाच न जाने आँगन टेढ़ा – बालक द्वारा अपने विद्यालय में अच्छा कार्य नहीं करने पर अपने अध्यापकों की आलोचना करना। 6 / 10 6. शिक्षक द्वारा डाँट पड़ने पर बालक का विद्यालय के बगीचे में जाकर पेड़-पौधों को तोड़ना या नुकसान पहुँचाना। यह बालक जो प्रतिरक्षा युक्ति का उपयोग कर रहा है, कहलाती है – प्रतिस्थापन प्रतिगमन प्रक्षेपण युक्तीकरण Solution – प्रतिस्थापन या विस्थापन विधि – जब व्यक्ति उचित स्थान पर भावनाओं की अभिव्यक्ति करने में असमर्थ होता है तो वह किसी अन्य स्थान पर भावना अभिव्यक्त करते हुए समायोजन स्थापित करता है। जैसे – शिक्षक द्वारा डाँट पड़ने पर बालक का विद्यालय के बगीचे में जाकर पेड़-पौधों को तोड़ना या नुकसान पहुँचाना। 7 / 10 7. “समायोजन अधिगम में वृद्धि करने की प्रक्रिया है।” यह परिभाषा दी? स्कीनर कॉलमैन गेट्स बोरिंग Solution – स्कीनर – “समायोजन अधिगम में वृद्धि करने की प्रक्रिया है।” – गेट्स – “समायोजन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति अपने वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए अपने व्यवहार में परिवर्तन करता है।” – कॉलमैन – “समायोजन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति एवं खिंचावों से बाहर निकलने के लिए व्यक्ति के द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम है।” 8 / 10 8. “एक राम नाम का बालक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो वह बहाना गढ़ता है, कि प्रश्नपत्र पाठ्यक्रम से बाहर का था।” राम नाम के बालक द्वारा प्रकट की गई समायोजन की यह रक्षा युक्ति किस श्रेणी में आती है? प्रक्षेपण (Projection) तादात्मीकरण (Identification) औचित्य स्थापन (Rationalization) उदात्तीकरण (Sublimation) Solution युक्तीकरण/तर्कसंगतीकरण/औचित्य स्थापन/परिमेयकरण (Rationalization):- इस युक्ति का सहारा लेकर व्यक्ति अपने किए हुए कार्य या व्यवहार की उचितता सिद्ध करने का प्रयत्न करता है। व्यक्ति विभिन्न तर्क संगत बहाना गढ़कर अपने कार्य-व्यवहार को उपयुक्त ठहराने का प्रयत्न करता है अर्थात् अयुक्तिसंगत अभिप्रेरकों एवं इच्छाओं से उत्पन्न मानसिक संघर्ष या तनाव का समाधान उन अभिप्रेरकों एवं इच्छाओं को युक्तिसंगत बनाकर तर्कपूर्ण या विवेकपूर्ण व्याख्या करता है। इसमें व्यक्ति संबंधित लक्ष्य या कार्य में ही कमी बता देता है। जैसे- 1.अंगूर खट्टे हैं। 2. नीबू मीठे हैं। 3. एक राम नाम का बालक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो वह बहाना गढ़ता है, कि प्रश्नपत्र पाठ्यक्रम से बाहर का था। 9 / 10 9. “मोटापा है किंतु भोजन करना चाहता है” उक्त द्वंद्व का संबंध है- उपागम-उपागम द्वंद्व उपागम-परिहार द्वंद्व परिहार-परिहार द्वंद्व उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution – उपागम-परिहार द्वंद्व तब उत्पन्न होते हैं। जब एक ही लक्ष्य या क्रिया आकृष्ट भी करे और प्रतिकर्षित भी। उपागम-परिहार द्वंद्व का प्रमुख लक्षण उभयभाविता होता है अर्थात् विध्यात्मक तथा निषेधात्मक द्वंद्वों का मिश्रण। – उदा- एक व्यक्ति नयी मोटर साइकिल तो खरीदना चाहता है। किंतु उसका मासिक भुगतान नहीं देना चाहता। – मोटापा है किंतु भोजन करना चाहता है। 10 / 10 10. निम्नलिखित में से कौन-सा समायोजन का एक प्रत्यक्ष उपाय नहीं है? लक्ष्य प्रतिस्थापन बाधा निवारण उदात्तीकरण मार्ग परिवर्तन Solution – समायोजन के प्रत्यक्ष उपाय- (i) लक्ष्य प्रतिस्थापन (ii) बाधा निवारण (iii) मार्ग परिवर्तन (iv) व्याख्या/निष्कर्ष/निर्णय। जबकि युक्तीकरण, प्रतिक्रिया निर्माण, उदात्तीकरण आदि समायोजन के अप्रत्यक्ष उपाय हैं। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now