REET बाल विकास || बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 21, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 204 12345678910 बाल विकास || बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. “बच्चा ठोस वस्तुओं या परिस्थितियों के माध्यम से स्वक्रिया द्वारा कई धारणाएँ एवं संप्रत्यय गढ़ लेता है।” पियाजे की संज्ञानात्मक विकास की अवस्था है- पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (Pre-Operational Stage) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था (Concrete Operational Stage) संवेदी गामक अवस्था (Sensory Motor Stage) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (Formal-Operational -Stage) Solution -मूर्त संक्रियात्मक अवस्था की प्रमुख विशेषता यह है कि बच्चा ठोस वस्तुओं या परिस्थितियों के माध्यम से स्वक्रिया द्वारा कई धारणाएँ या सम्प्रत्यय गढ़ लेता है। इस प्रकार वह अपने आस-पड़ोस तथा पर्यावरण की चीजों, व्यक्तियों, भार, आयतन तथा वर्ग आदि के संबंध में अपने खेल या अन्य क्रियाओं के माध्यम से संप्रत्यय विकसित कर लेता है। यह अवस्था लगभग 7 वर्ष की आयु से 12 वर्ष की आयु तक चलती है। 2 / 10 2. कोहलबर्ग के सिद्धांत की किस अवस्था में बालक प्रशंसा प्राप्ति के लिए नैतिक आचरण प्रकट करता हैं? अच्छा लड़का-अच्छी लड़की अवस्था दण्ड व आज्ञापालन की अवस्था यांत्रिक सापेक्षता उन्मुखता अवस्था विवेक की अवस्था Solution -अच्छा लड़का-अच्छी लड़की अवस्था – यह कोहलबर्ग के नैतिक विकास सिद्धांत की परंपरागत स्तर की पहली अवस्था है। इस अवस्था में बालक नैतिक व्यवहार प्रशंसा प्राप्ति के लिए करता है। बालक उसी काम को करना पसंद करता है जिसको करने से प्रशंसा प्राप्त होती है। 3 / 10 3. निकटस्थ विकास क्षेत्र (ZPD) का सम्प्रत्यय संबंधित है- जीन पियाजे डेविड आसुबेल लेव वाइगोत्सकी अरनॉल्ड गैसेल Solution समीपस्थ/निकटस्थ विकास क्षेत्र – (Zone of Proximal Development) -यह लेव वाइगोत्सकी के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत की महत्त्वपूर्ण अवधारणा है। -यह बालक के वास्तविक विकास क्षेत्र एवं संभाव्य विकास क्षेत्र के बीच का क्षेत्र जहाँ बालक सीख तो सकता है लेकिन उसे किसी सहारे की जरूरत होती है। -यह कठिन कार्यों की एक सीमा है जिन्हें वह अकेला नहीं कर सकता है। इसे समीपस्थ/निकटस्थ विकास क्षेत्र (ZPD) कहते हैं। 4 / 10 4. निम्नलिखित में से मनोसामाजिक सिद्धान्त का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया? सिगमण्ड फ्रायड एरिक एरिक्सन ई.बी. हरलॉक उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution -एरिक एरिक्सन एक प्रसिद्ध मनोविश्लेषक थे जिसने मानव के सम्पूर्ण जीवनकाल के सामान्य विकास का मनोसामाजिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया। एरिक्सन ने व्यक्तित्व विकास के लिए सामाजिक कारकों के महत्त्व पर बल दिया। -एरिक्सन ने विकास की आठ अवस्था बताई जिसमें उसने व्यक्तित्व विकास के लिए जैविक और सामाजिक कारकों की अन्तःक्रिया के महत्त्व पर बल दिया। 5 / 10 5. किस मंडल का संबंध ब्रोनफेन ब्रेन्नर के विकास परिस्थितिपरक मॉडल से है? 1. लघु मंडल 2. मध्य मंडल 3. बाह्य मंडल 4. वृहत् मंडल 5. घटना मंडल कूट – 1 व 2 2, 3 व 4 1, 3, 4 व 5 1, 2, 3, 4 व 5 Solution -ब्रोनफेन ब्रेन्नर विकास परिस्थितिपरक मॉडल के मंडल– 1. लघु मंडल 2. मध्य मंडल 3. बाह्य मंडल 4. वृहत् मंडल 5. घटना मंडल 6 / 10 6. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थूल पेशीय कौशल नहीं है? उछलना कूदना ब्लॉक बनाना दौड़ना Solution -स्थूल पेशीय कौशल – – उछलना – कूदना – दौड़ना – तेज दौड़ना – सीढ़ियों पर चढ़ना -सूक्ष्म पेशीय कौशल – – ब्लॉक बनाना – चित्रात्मक पहेलियाँ को भली-भाँति जोड़ना – हाथ, भुजा एवं शरीर के सभी अंग आँख की गति के साथ समन्वित होते हैं। 7 / 10 7. भाषा विकास की जन्मजात प्रतिज्ञप्ति का प्रतिपादन किया- जीन पियाजे ने वाइगोत्सकी ने बेंजामिन ली व्होर्फ ने नॉम चॉमस्की ने Solution -भाषाविद् नॉम चॉमस्की ने भाषा विकास की जन्मजात प्रतिज्ञप्ति का प्रतिपादन किया है। चॉमस्की का मानना है कि भाषा विकास शारीरिक परिपक्वता की तरह है जो उपयुक्त देख-भाल करने पर बच्चों में स्वतः होता है। बच्चे सर्वभाषा व्याकरण के साथ जन्म लेते हैं। वे जिस किसी भाषा को सुनते हैं। उसके व्याकरण को सरलता से सीख लेते है। 8 / 10 8. निम्नलिखित में से विकास का सिद्धान्त नहीं है – निरंतर विकास का सिद्धान्त एकीकरण का सिद्धान्त समान प्रतिमान का सिद्धान्त विशिष्ट से सामान्य क्रियाओं का सिद्धान्त Solution -विकास के सिद्धान्त – – निरंतर/सतत विकास का सिद्धान्त – एकीकरण का सिद्धान्त – सामान्य से विशिष्ट क्रियाओं का सिद्धान्त – समान प्रतिमान का सिद्धान्त – व्यक्तिगत विभिन्नता का सिद्धान्त – वंशानुक्रम व वातावरण की अन्त:क्रिया का सिद्धान्त – परस्पर संबंध का सिद्धान्त 9 / 10 9. विकास एवं अभिवृद्धि के संदर्भ में असत्य कथन का चयन कीजिए – अभिवृद्धि केवल मात्रात्मक होती है जबकि विकास मात्रात्मक एवं गुणात्मक दोनों होता है। अभिवृद्धि एकपक्षीय होती है जबकि विकास बहुपक्षीय। विकास में अभिवृद्धि शामिल होती है। विकास व अभिवृद्धि दोनों सतत रूप से जीवनपर्यन्त चलते हैं। Solution -अभिवृद्धि और विकास में अन्तर – अभिवृद्धि विकास 1.अभिवृद्धि केवल मात्रात्मक होती है। 1.विकास मात्रात्मक एवं गुणात्मक दोनों होता है। 2.अभिवृद्धि एकपक्षीय होती है। 2.विकास बहुपक्षीय होता है। 3.अभिवृद्धि विकास का ही हिस्सा होती है। 3. विकास में अभिवृद्धि शामिल होती है। विकास स्वतंत्र व चहुँमुखी होता है। 4.अभिवृद्धि की क्रिया आजीवन नहीं चलती, बालक द्वारा परिपक्वता ग्रहण करने के साथ-साथ यह समाप्त हो जाती है। 4.विकास एक सतत प्रक्रिया है जो जीवनपर्यन्त चलता रहता है। 10 / 10 10. “विकास के परिणामस्वरूप नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती है।” यह कथन किसने दिया हैं? गैसेल मेरीडिथ जेम्स ड्रेवर हरलॉक Solution -हरलॉक – “विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नई – नई विशेषताएँ और नई–नई योग्यताएँ प्रकट होती है।” -जेम्स ड्रेवर – “बालमनोविज्ञान, मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें जन्म से परिपक्वावस्था तक विकसित हो रहे मानव का अध्ययन किया जाता है।” Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now