REET सीखने के प्रतिफल, क्रियात्मक अनुसन्धान | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 26, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /20 30 1234567891011121314151617181920 सीखने के प्रतिफल, क्रियात्मक अनुसन्धान | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 20 1. ‘सीखने के प्रतिफल’——-प्रक्रिया है। स्पाईरल रूप से त्रिकोणमितिय रूप से समवर्ती रूप से सर्किल रूप से Solution – सीखने के प्रतिफल स्पाईरल रूप से प्रकिया है। स्पाईरल रूप से प्रक्रिया का आशय है कि अधिगम प्रक्रिया से मूल्यांकन तक पहुँचा जाए एवं न्यून अधिगम क्षेत्र का पता लगाकर पुन: शिक्षण करवाया जाए। इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखा जाए जब तक की सीखने के प्रतिफल पूर्ण रूप से प्राप्त न हो जाए। 2 / 20 2. निम्नलिखित में से कौन-सा अनुसंधान स्टीफन कोरे से सम्बन्धित है? आधारभूत अनुसंधान व्यवहारात्मक अनुसंधान वैज्ञानिक अनुसंधान क्रियात्मक अनुसंधान Solution • क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research)- विद्यालय से संबंधित व्यक्तियों द्वारा अपनी और विद्यालय की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपनी क्रियाओं और विद्यालय की गतिविधियों में सुधार करना, क्रियात्मक अनुसंधान कहलाता है। क्रियात्मक अनुसंधान में व्यावहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक ढंग से अपनी समस्याओं का अध्ययन, निर्णय और क्रियाओं का निर्देशन, सुधार तथा मूल्यांकन करते हैं। स्थायी रूप से क्रियात्मक अनुसंधान का प्रतिपादन सन् 1953 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन एम. कोरे द्वारा किया गया। • पुस्तक- ‘विद्यालय की कार्य पद्धति में सुधार करने के लिए क्रिया अनुसंधान।’ 3 / 20 3. क्रियात्मक अनुसंधान मौलिक अनुसंधान से भिन्न है क्योंकि यह- अध्यापकों, शैक्षिक प्रबन्धकों एवं प्रशासकों द्वारा किया जाता है। शोधकर्ताओं द्वारा किया जाता है जिनका विद्यालय से कोई सम्बन्ध नहीं होता। यह प्रमापीकृत उपकरणों पर आधारित होता है। यह न्यादर्श पर आधारित होता है। Solution • शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्मक-अनुसंधान का विकास सन् 1926 में हुआ तथा इसका प्रयोग सबसे पहले स्टीफन एम. कोरे ने किया था। • क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य विद्यालय तथा कक्षा की शैक्षिक कार्यप्रणाली में सुधार तथा परिवर्तन लाना है। • क्रियात्मक अनुसंधान शैक्षिक समस्याओं के समाधान हेतु अध्यापक तथा शिक्षा व्यवसाय से संबंधित लोगों द्वारा किया जाता है। • क्रियात्मक अनुसंधान मौलिक अनुसंधान से भिन्न है क्योंकि यह अध्यापकों, शैक्षिक प्रबन्धकों एवं प्रशासकों द्वारा किया जाता है। • मौलिक अनुसंधान और क्रियात्मक अनुसंधान के अन्य अंतर दृष्टव्य हैं- मौलिक अनुसंधान क्रियात्मक अनुसंधान 1. इसका विकास भौतिक विज्ञानों के साथ हुआ है। इसका विकास सामाजिक विज्ञानों के साथ हुआ है। 2. इसका उद्देश्य नए सिद्धांतों की खोज करना है। इसका उद्देश्य विद्यालय की कार्यप्रणाली सुधार करना है। 3. इसकी समस्या का क्षेत्र व्यापक है। इसकी समस्या का क्षेत्र संकुचित है। 4. इसकी समस्या का संबंध किसी सामान्य परिस्थिति से होता है। इसकी समस्या का संबंध किसी विशेष परिस्थिति में होता है। 5. इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। 6. इसमें सत्यों और तथ्यों की स्थापना की जाती है। इसमें वास्तविक समस्याओं का व्यावसायिक हल खोजा जाता है। 7. इसमें अनुसंधान की रूपरेखा में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। इसमें अनुसंधान की रूपरेखा में परिवर्तन किया जा सकता है। 8. इसमें सामान्यीकरण का विशेष महत्त्व होता है। इसमें सामान्यीकरण का विशेष महत्त्व नहीं होता है। 9. इसमें अनुसंधानकर्ता विशेषज्ञ होते हैं। इसमें अनुसंधानकर्ता विद्यालय शिक्षक, प्रबंधक आदि होते हैं। 10. इसमें अनुसंधानकर्ता, विशेषज्ञ होते हैं और उनका समस्याओं से प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता है। इसमें अनंसधानकर्ता का विद्यालय और उसकी समस्याओं से प्रत्यक्ष संबंध होता है। 4 / 20 4. प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफल को …………….. अकादमिक सत्र से क्रियान्वित किया गया। 2015-16 2017-18 2020-21 2023-24 Solution • सीखने के प्रतिफल दस्तावेज दो प्रारूपों में निर्मित किया गया। एक सम्पूर्ण दस्तावेज जिसमें पाठ्यक्रम संबंधी अपेक्षाओं, सीखने-सिखाने की प्रक्रिया और कक्षा 1 से 8 के लिए सीखने के प्रतिफल को शामिल किया गया। दूसरा संक्षिप्त संस्करण जिसमें प्रत्येक कक्षा के लिए प्रत्येक विषय के केवल सीखने के प्रतिफल है। प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफल को 2017-18 अकादमिक सत्र से क्रियान्वित किया गया। 5 / 20 5. “क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों, निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा अपने निर्णयों और कार्यों की गुणात्मक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाने वाला अनुसंधान हैं।” उपर्युक्त कथन का संबंध है- स्टीफन एम. कोरे गुड रिसर्च इन एजुकेशन मौले Solution – गुड के अनुसार – “क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों, निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा अपने निर्णयों और कार्यों की गुणात्मक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाने वाला अनुसंधान हैं।” – स्टीफन एम. कोरे के अनुसार -“शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान, कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें”। 6 / 20 6. सीखने के प्रतिफल के संबंध में कौन-सा सही है? सीखने के प्रतिफल दस्तावेज उन शैक्षिक प्रक्रियाओं को उजागर करते हैं, जिन्हें शिक्षक द्वारा दक्षताओं के विकास के लिए कक्षा में अपनाने की आवश्यकता होती है। सीखने के प्रतिफल दस्तावेज में वे दक्षताएँ सम्मिलित हैं जो शिक्षार्थियों में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, स्वास्थ्य एवं कला शिक्षा विषयों में विकसित की जाती हैं। ये दस्तावेज शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं के लिए शिक्षक की सहायता करेगा, इसके साथ-साथ स्कूल बोर्ड व स्कूल व्यवस्थाओं को भी सीखने के प्रतिफलों को समझने में मदद करेगा। उपर्युक्त सभी Solution • सीखने के प्रतिफल – • सीखने के प्रतिफल दस्तावेज उन शैक्षिक प्रक्रियाओं को उजागर करते हैं, जिन्हें शिक्षक द्वारा दक्षताओं के विकास के लिए कक्षा में अपनाने की आवश्यकता होती है। • सीखने के प्रतिफल दस्तावेज में वे दक्षताएँ सम्मिलित हैं जो शिक्षार्थियों में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, स्वास्थ्य एवं कला शिक्षा विषयों में विकसित की जाती हैं। • ये दस्तावेज शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं के लिए शिक्षक की सहायता करेगा, इसके साथ-साथ स्कूल बोर्ड व स्कूल व्यवस्थाओं को भी सीखने के प्रतिफलों को समझने में मदद करेगा। 7 / 20 7. “शिक्षा में क्रिया-अनुसंधान कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।” किसके द्वारा दी गई परिभाषा है? स्टीफन एम. कोरे मौले गुड जॉन डी. वी. Solution • स्टीफन एम. कोरे– “शिक्षा में क्रिया अनुसंधान कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।” • गुड– “क्रिया-अनुसंधान शिक्षकों, निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा अपने निर्णयों और कार्यों की गुणात्मक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाने वाला अनुसंधान है।” • मोले– “शिक्षक के समक्ष उपस्थित होने वाली समस्याओं में से अनेक तत्काल ही समाधान चाहती हैं। मौके पर किए जाने वाले ऐसे अनुसंधान, जिसका उद्देश्य तात्कालिक समस्या का समाधान होता है, शिक्षा में साधारणत: क्रिया-अनुसंधान के नाम से प्रसिद्ध है।” 8 / 20 8. क्रियात्मक अनुसंधान के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सत्य है? क्रियात्मक शोध किसी विद्यालय की शैक्षिक समस्या के संदर्भ में किया जाता है। क्रियात्मक शोध का सामान्यीकरण नहीं किया जाता। तात्कालिक परिस्थिति की समस्या के सम्बन्ध में क्रियात्मक शोध किया जाता है। उपर्युक्त सभी Solution • क्रियात्मक अनुसंधान – • क्रियात्मक शोध किसी विद्यालय की शैक्षिक समस्या के संदर्भ में किया जाता है। • क्रियात्मक शोध का सामान्यीकरण नहीं किया जाता। • तात्कालिक परिस्थिति की समस्या के सम्बन्ध में क्रियात्मक शोध किया जाता है। • क्रिया-अनुसंधान, विद्यालय की वास्तविक परिस्थितियों का सामाजिक परिस्थितियों में किया जाता है। • क्रिया-अनुसंधान विभिन्न प्रकार की सामग्री और सूचनाओं को एकत्र करने के लिए साधनों का निर्माण करता है। • क्रिया-अनुसंधान के परिणामों को कार्यान्वित करने वाले व्यक्ति उसमें आरम्भ से अंत तक सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। • क्रिया-अनुसंधान में विद्यालय में शिक्षक, प्रशासक और निरीक्षक एवं कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के अध्यापक साधारणत: एक-दूसरे के सहयोग से कार्य करते हैं। 9 / 20 9. ‘सीखने के प्रतिफल हैं-’ मानदण्ड परीक्षण मूल्यांकन अवलोकन Solution – प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का आकलन करने के लिए कुछ मानदण्डों की आवश्यकता होती है, इन्हीं मानदण्डों को सीखने के प्रतिफल के रूप में परिभाषित किया गया है। सीखने की निरन्तरता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों एवं अभिभावकों को यह जानना आवश्यक है कि बच्चों ने क्या सीखा? अर्थात् जो कुछ भी बच्चों ने सीखा है उसको जाँचने अथवा उस परिणाम को देखने की मानदण्ड को ‘सीखने के प्रतिफल’ के रूप में देखा जा सकता है। 10 / 20 10. निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियात्मक अनुसंधान का चरण नहीं है? समस्या का चयन उपकल्पना का निर्माण तथ्यों का संकलन तथ्यों का सांख्यिकीय संश्लेषण Solution – तथ्यों का सांख्यिकीय संश्लेषण, अनुसंधान का चरण नहीं है। अनुसंधान के चरण इस प्रकार हैं- 1. समस्या का चयन 2. उपकल्पना का निर्माण 3. तथ्य संग्रहण की विधियाँ 4. तथ्यों का संकलन 5. तथ्यों का सांख्यिकीय विश्लेषण 6. तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष 7. सत्यापन 8. परिणामों की सूचना। 11 / 20 11. सीखने के प्रतिफल दस्तावेज किसके लिए है? शिक्षकों के लिए शिक्षक-प्रशिक्षकों एवं शैक्षिक प्रशासकों के लिए माता-पिता के लिए उपर्युक्त सभी Solution सीखने के प्रतिफल- – सीखने के प्रतिफल दस्तावेज शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों एवं शैक्षिक प्रशासकों के साथ-साथ माता-पिता के लिए है। इस दस्तावेज का उद्देश्य विद्यालयों में सीखने की गुणवत्ता को बढ़ाना व शिक्षकों को इस योग्य बनाना है ताकि शिक्षक बिना विलंब सभी विद्यार्थियों के लिए सीखने के कौशलों को अधिक उपयुक्त रूप से सुनिश्चित करें एवं सुधारात्मक कदम उठाएँ। 12 / 20 12. सीखने के प्रतिफल एक प्रकार से जाँच बिन्दु है, जो ——— मापे जा सकते हैं। गुणात्मक रूप में मात्रात्मक रूप में समन्वय रूप में 1 और 2 दोनों Solution – सीखने के प्रतिफल एक प्रकार से जाँच बिन्दु है जो गुणात्मक एवं मात्रात्मक रूप में मापे जा सकते हैं। ये प्रतिफल बालक के सम्पूर्ण विकास के लिए अपेक्षित ‘सम्पूर्ण सीखने’ के अनुसार बालकों की प्रगति का आंकलन करने में मदद करते हैं। 13 / 20 13. सीखने के प्रतिफल का उद्देश्य नहीं है– अभिभावकों को सजग एवं जागरूक बनाने हेतु छात्रों की उपलब्धि एवं प्रगति को शिक्षक द्वारा अभिभावकों से साझा करना। विषय की प्रकृति, विशेषताओं, शिक्षाशास्त्र को समन्वित रूप से समझाना। छात्रों को सीखने की रेखीय प्रक्रिया के अनुसार तैयार करना। शिक्षण की गुणवत्ता के सुधार के लिए प्रयास करना। Solution • सीखने के प्रतिफल के निम्नलिखित उद्देश्य हैं- (i) अभिभावकों को सजग एवं जागरूक बनाने हेतु छात्रों की उपलब्धि एवं प्रगति को शिक्षक द्वारा अभिभावकों से साझा करना। (ii) विषय की प्रकृति, विशेषताओं, शिक्षाशास्त्र को समन्वित रूप से समझाना। (iii) शिक्षण की गुणवत्ता के सुधार के लिए प्रयास करना। (iv) छात्रों को सीखने की वर्तुलाकार प्रक्रिया के अनुसार तैयार करना न कि रेखीय। (v) बालकों के सीखने एवं निरन्तर प्रगति स्तर को जाँचने के लिए मानदण्ड तय करना। (vi) शिक्षण को विषय तक सीमित न रखकर विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के प्रयास द्वारा जीवन कौशल विकसित करना। 14 / 20 14. कक्षा आठ के छात्र के संबंध में कौन-सा सीखने का प्रतिफल है? मौलिक अधिकार व मौलिक कर्तव्य को समुचित उदाहरण से स्पष्ट कर सकता है। भारत में न्यायिक प्रणाली की कार्यविधि को कुछ प्रमुख मामलों का उदाहरण देकर वर्णन करता है। अपने क्षेत्र की सुविधा से वंचित वर्गों की उपेक्षा के कारणों और परिणामों का विश्लेषण कर सकता है। उपर्युक्त सभी Solution • कक्षा आठ के छात्र के संबंध में सीखने के प्रतिफल – • मौलिक अधिकार व मौलिक कर्तव्य को समुचित उदाहरण से स्पष्ट कर सकता है। • भारत में न्यायिक प्रणाली की कार्यविधि को कुछ प्रमुख मामलों का उदाहरण देकर वर्णन करता है। • अपने क्षेत्र की सुविधा से वंचित वर्गों की उपेक्षा के कारणों और परिणामों का विश्लेषण कर सकता है। 15 / 20 15. अधिगम-प्रतिफल का सम्बन्ध है- ज्ञानात्मक पक्ष से भावात्मक पक्ष से क्रियात्मक पक्ष से उपर्युक्त सभी Solution – अधिगम-प्रतिफल का सम्बन्ध ज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक तीनों पक्षों से है। अधिगम प्रतिफल के ज्ञानात्मक पक्ष का सम्बन्ध ज्ञान के तथ्यों नियमों, सिद्धान्तों आदि से है। अधिगम प्रतिफल के भावात्मक क्षेत्र में ग्रहण करना, अनुक्रिया करना, संगठित करना आदि व्यावहारिक क्रियाएँ सम्मिलित है। अधिगम प्रतिफल के क्रियात्मक पक्ष के अन्तर्गत वे उद्देश्य आते हैं, जिनका सम्बन्ध बालक की मांसपेशियों के क्रियाओं से होता है। 16 / 20 16. अधिगम प्रतिफल का तात्पर्य है- पाठ्यवस्तु का परिमार्जन बालक के व्यवहार में होने वाले परिवर्तन शिक्षक की शिक्षण विधियों में परिवर्तन शिक्षक के व्यवहार में होने वाला परिवर्तन Solution – अधिगम प्रतिफल का तात्पर्य – बालक के व्यवहार में होने वाला परिवर्तन से है। प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के अधिगम स्तर का आकलन के लिए कुछ मानदण्डों की आवश्यकता होती है। इन्हीं मानदण्डों को अधिगम प्रतिफल के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसके आधार पर बालकों के व्यवहार का आकलन किया जाता है, अत: बालकों के व्यवहार में होने वाला परिवर्तन ही अधिगम प्रतिफल कहलाता है। 17 / 20 17. क्रियात्मक अनुसंधान बल देता है- सिद्धान्त विकास पर समस्या पर तात्कालिक अनुप्रयोग पर सामान्य अनुप्रयोग पर Solution – क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है, जो तात्कालिक अनुप्रयोग पर बल देता है। इसमें अनुसंधानकर्ता विद्यालय के शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रबंधक और निरीक्षक स्वयं ही होते हैं। इस अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की कार्यप्रणाली में संशोधन कर सुधार लाना है। क्रियात्मक अनुसंधान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है। 18 / 20 18. क्रियात्मक अनुसंधान के महत्त्व के संदर्भ में असत्य कथन है- यह विद्यालय की कार्य प्रणाली में संशोधन और सुधार करता है। यह विद्यालय में जनतन्त्रात्मक मूल्यों की स्थापना पर बल देता है। यह विद्यालय, प्रबंधों, छात्रों, शिक्षकों, निरीक्षकों आदि की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान करता है। यह शिक्षकों में पारस्परिक प्रेम, सहयोग और सद्भावना की भावनाओं का विकास नहीं करता है। Solution क्रियात्मक अनुसंधान के महत्त्व :- – यह विद्यालय की कार्य प्रणाली में संशोधन और सुधार करता है। – यह विद्यालय में जनतन्त्रात्मक मूल्यों की स्थापना पर बल देता है। – यह विद्यालय, प्रबंधों, छात्रों, शिक्षकों, निरीक्षकों आदि की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान करता है। – यह शिक्षकों में पारस्परिक प्रेम, सहयोग और सद्भावना की भावनाओं का विकास करता है। – यह छात्रों की चतुर्मुखी उन्नति करने के लिए विद्यालय की क्रियाओं का प्रभावपूर्ण विधि से आयोजन करता है। 19 / 20 19. क्रियात्मक अनुसंधान को विद्यालय की कार्य-प्रणाली के निम्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है- कक्षा शिक्षण विधियों एवं युक्तियों में सुधार लाने हेतु छात्रों की अभिरुचि, ध्यान, तत्परता तथा जिज्ञासा में बुद्धि के लिए छात्रों की अनुसंधान सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए। उपर्युक्त सभी Solution – क्रियात्मक अनुसंधान को विद्यालय की कार्यप्रणाली के उपर्युक्त सभी क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा कक्षा शिक्षण विधियों एवं युक्तियों में सुधार किया जाता है। छात्रों की अभिरुचि, ध्यान, तत्परता तथा जिज्ञासा में वृद्धि के लिए तथा छात्रों की अनुसंधान सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए इसे प्रयुक्त किया जाता है। इसका प्रयोग विद्यालय के संगठन एवं प्रशासन से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान हेतु भी प्रयोग किया जाता है। 20 / 20 20. ‘सीखने के प्रतिफल’ को परिभाषित किया गया है- N.C.E.R.T के सहयोग से C.B.S.E के सहयोग से R.B.S.E के सहयोग से C.C.E के सहयोग से Solution – राष्ट्रीय स्तर पर NCERT के सहयोग से कक्षावार विद्यार्थी के ‘सीखने के प्रतिफल’ को परिभाषित किया गया है। – शैक्षिक सत्र 2017-18 से S.I.E.R.T उदयपुर द्वारा निर्धारित किए गए कक्षावार एवं विषयवार ‘सीखने के प्रतिफल’ को निर्धारित मानदण्डों में शामिल कर लिया गया है, जिनका क्रियान्वयन अनिवार्य है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (N.A.S) का आधार भी ‘सीखने के प्रतिफल’ है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now