REET संस्कृत व्याकरण सामान्य प्रश्न | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 22, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 115 12345678910 संस्कृत व्याकरण सामान्य प्रश्न | REET 2025 | संस्कृत | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. संस्कृत वर्णमालायां माहेश्वरसूत्रानुसारेण कति वर्णा:? 45 46 42 48 Solution ●संस्कृत वर्णमाला में माहेश्वर सूत्रों के अनुसार 42 वर्ण है – 9 स्वर + 33 व्यञ्जन = 42 वर्ण । 2 / 10 2. ‘अद्यापि’ इति पदस्य सन्धि विच्छेद: कुरुत – अदि + अपि अद् + यापि अद्य + अपि अद्या + अपि Solution ●अद्य + अपि = अद्यापि। यहाँ अ + अ = आ होने से दीर्घ सन्धि है। 3 / 10 3. कर्मधारयस्य भेदोऽस्ति – द्विगु तत्पुरुष बहुव्रीहि द्वन्द्व Solution ●द्विगु समास कर्मधारय का भेद माना जाता है –तत्पुरुष – कर्मधारय – द्विगु 4 / 10 4. ‘विकृतम्’ इत्यत्र क: प्रत्यय:? क्तवतु क्त्वा क्त ण्वुल् Solution ●विकृ + क्त = विकृतम्। यहाँ कृ धातु से परे क्त प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। सूत्र – निष्ठा – धातु से भूतकाल अर्थ में निष्ठा प्रत्ययों (क्त एवं क्तवतु) का प्रयोग होता है।क्त प्रत्यय में क्त (तः, ता, तम्) शेष रहते हैं।क्त प्रत्यय कर्म एवं भाव अर्थ में प्रयुक्त होता है।क्त प्रत्यय में ‘त’ शेष रहता है।इसके रूप तीनों लिङ्गों में होते हैं। 5 / 10 5. ‘दुस्साहस’ इत्यत्र क: उपसर्ग: – दुर् दुस दुस् दुस्स Solution ●दुस् + साहस = दुस्साहस। यहाँ ‘दुस्’ उपसर्ग का प्रयोग हुआ है। 6 / 10 6. शरीरम् आद्यं….धर्मसाधनम्। रिक्तस्थाने अव्ययस्य शुद्धरूपं भविष्यति। नूनम् एव खलु च Solution ●शरीरम् आद्यं खलु धर्मसाधनम्। यहाँ खलु अव्यय का प्रयोग निश्चय अर्थ में हुआ है। 7 / 10 7. ‘बालक’ शब्दस्य तृतीयैकवचने रूपं भवति- बालकेण बालकेन बालकै बालकाभि Solution ●‘बालक’ शब्द अकारान्त पुल्लिङ्ग होने से इसका तृतीय विभक्ति एकवचन में ‘बालकेन’ रूप बनता है।●तृतीया विभक्ति – बालकेन, बालकाभ्याम्, बालकै: 8 / 10 8. ‘पा’ धातो: लृट् लकारस्य प्रथमपुरुष बहुवचने रूपमस्ति – पास्यन्ति पास्यथ पिबिस्यन्ति पास्याम Solution ‘पा’ धातु लृट् लकार प्रथम पुरुष बहुवचन में ‘पास्यन्ति’ रूप बनता है।प्रथम पुरुष – पास्यति, पास्यत:, पास्यन्ति। 9 / 10 9. ‘अन्तरा’ योगे विभक्ति: भवति। द्वितीया तृतीया षष्ठी सप्तमी Solution अन्तरान्तरेण युक्ते सूत्र के अनुसार अन्तरा व अन्तरेण के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।जैसे –त्वां मां च अन्तरा हरि:।रामं लक्ष्मणं च अन्तरा सीता गच्छति।विद्याम् अन्तरेण मानव: पशुतुल्य:। 10 / 10 10. दाँतों के लिए हाथी को मारता है। वाक्यस्य संस्कृतानुवाद: स्यात् – दन्तेभ्य: कुञ्जरं हन्ति। दन्तान् कुञ्जरं हनन्ति। दन्तेषु कुञ्जरं हन्ति। दन्तयो: कुञ्जरं हन्ति। Solution ‘दाँतों के लिए हाथी को मारता है।’ इस वाक्य का संस्कृत में अनुवाद – ‘दन्तयो: कुञ्जरं हन्ति’ होगा। यहाँ ‘दन्तयो:’ में सप्तमी विभक्ति ‘निमित्तात्कर्मयोगे’ से हुई है। ‘निमित्तात्कर्मयोगे’ = निमित्तवादी शब्दों से सप्तमी विभक्ति होती है। यदि वह निमित्त (फल) कर्म से युक्त हो। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now