REET व्यक्तिगत विभिन्नताएँ, विविध अधिगमकर्ताओं की समझ | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 25, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /20 48 1234567891011121314151617181920 व्यक्तिगत विभिन्नताएँ, विविध अधिगमकर्ताओं की समझ | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 20 1. कौन-सा व्यक्तिगत भिन्नताओं का कारण नहीं है? वंशानुक्रम वातावरण परिपक्वता निर्देशन Solution वैयक्तिक विभिन्नता के कारण :- • आनुवंशिकता/वंशानुक्रम • वातावरण • प्रजाति एवं राष्ट्रीयता • आयु एवं बुद्धि • परिपक्वता • लिंग • आर्थिक स्थिति एवं शिक्षा 2 / 20 2. धीमी गति से सीखने वाले बालकों के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा प्रावधान सर्वाधिक उपयुक्त है? संवर्द्धन त्वरण (गति वर्धन) प्रतियोगिताएँ उपचारात्मक शिक्षण Solution • धीमी गति से सीखने वाले बालकों के लिए उपचारात्मक शिक्षण सर्वाधिक उपयुक्त है। • ऐसे बालकों को घर और विद्यालय दोनों ही परिवेशों में ठीक प्रकार समायोजित होने के लिए प्रयत्न किये जाने चाहिए। • विशेष विद्यालयों या कक्षाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। • पिछड़े बालकों पर व्यक्तिगत ध्यान दिए जाने की बहुत आवश्यकता होती है। • इन बच्चों के लिए योग्य और विशेष रूप से प्रशिक्षित ऐसे अध्यापक नियुक्त किये जाने चाहिए जो कि उनको अच्छी तरह से समझकर उनकी समस्याओं को दूर करने में उनकी सहायता कर सके। 3 / 20 3. व्यक्तिगत विभिन्नताओं को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के शिक्षण के लिये प्रायोजना पद्धति (Project Method) के निर्माता थे– थॉर्नडाइक किलपैट्रिक पार्कहर्स्ट वाटसन Solution • प्रायोजना पद्धति (Project Method) :- अमेरिका के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री किलपैट्रिक ने इस प्रणाली का आविष्कार किया। इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त तत्कालीन दोषों को दूर करने एवं उसे जीवन उपयोगी बनाने के लिए एक नई शिक्षण प्रणाली का आविष्कार किया जिसे प्रोजेक्ट प्रणाली कहते हैं। • प्रोजेक्ट वह सहृदय उद्देश्यपूर्ण कार्य है जो पूर्ण संलग्नता से सामाजिक पर्यावरण में किया जाता है। 4 / 20 4. विशिष्ट बालकों के प्रकार हैं- प्रतिभाशाली बालक समस्यात्मक बालक अपराधी बालक उपर्युक्त सभी Solution • विशिष्ट बालकों के प्रकार निम्न हैं – 1. शारीरिक रूप से विकलांग और पिछड़े बालक 2. मानसिक रूप से विकलांग और पिछड़े बालक 3. प्रतिभाशाली बालक 4. सृजनशील बालक 5. समस्यात्मक या संवेगात्मक दृष्टि से पिछड़े बालक 6. सीखने की दृष्टि से विकलांग या पिछड़े बालक 7. अपराधी बालक 8. धीमी गति से सीखने वाले बालक 5 / 20 5. विद्यालय से पलायन करने वाले बालक के अध्ययन की सबसे उपयुक्त विधि है – प्रश्नावली विधि आत्मनिरीक्षण विधि केस स्टडी विधि प्रयोगात्मक विधि Solution केस स्टडी विधि/व्यक्ति इतिहास विधि :- • इस विधि में व्यक्ति के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए जन्म से लेकर वर्तमान समय तक के सम्पूर्ण व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इस विधि के जन्मदाता ‘टाइडमैन’ हैं। जैसे – चोरी करने वाले, झूठ बोलने वाले, विद्यालय से पलायन करने वाले बालकों के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ विधि है। 6 / 20 6. निम्नलिखित में से वैयक्तिक विभिन्नता के कारण हैं – आनुवंशिकता वातावरण आयु एवं बुद्धि उपर्युक्त सभी Solution • वैयक्तिक विभिन्नता के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख निम्न हैं – • आनुवंशिकता • वातावरण • प्रजाति एवं राष्ट्रीयता • आयु एवं बुद्धि • परिपक्वन • लिंग • आर्थिक स्थिति एवं शिक्षा 7 / 20 7. निम्नलिखित में से कौन-सी एक प्रतिभाशाली बालक की विशेषता है? प्रतिभावान बालक निश्चित रूप से एक विशिष्ट बालक होता है। कक्षा के अन्य सामान्य बालकों की तुलना में वह किसी योग्यता के क्षेत्र में अधिक श्रेष्ठ सिद्ध होता है। सामान्यतया किसी विशेष प्रतिभा के क्षेत्र में ही प्रतिभावान बालक अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करता है। उपर्युक्त सभी Solution • प्रतिभाशाली बालक की विशेषता – • प्रतिभावान बालक निश्चित रूप से एक विशिष्ट बालक होता है। • कक्षा के अन्य सामान्य बालकों की तुलना में वह किसी योग्यता के क्षेत्र में अधिक श्रेष्ठ सिद्ध होता है। • सामान्यतया किसी विशेष प्रतिभा के क्षेत्र में ही प्रतिभावान बालक अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करता है। • ऐसे बालक सीखने के लिए तथा अन्वेषण करने के लिए प्रेरित रहते हैं। 8 / 20 8. प्रत्येक शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट हैं, इसका अर्थ है कि – कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं, रुचियों और प्रतिभाओं में एक समान नहीं होते हैं। शिक्षार्थियों में न तो कोई समान विशेषताएँ होती हैं न उनके लक्ष्य समान होते हैं। सभी शिक्षार्थियों के लिए एक समान पाठ्यचर्या संभव नहीं है। एक विषमरूपी कक्षा में शिक्षार्थियों की क्षमताओं को विकसित करना असंभव है। Solution • प्रत्येक शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट है, इसका अर्थ है कि कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं, रुचियों और प्रतिभाओं में एक समान नहीं होते हैं। 9 / 20 9. प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षा होनी चाहिए – विशेष प्रकार की शिक्षा अलग कक्षाओं अथवा समान योग्यता पर आधारित समूहों की व्यवस्था संवर्द्धित कार्यक्रम या विस्तृत पाठ्यक्रम योजना उपर्युक्त सभी Solution प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षा – • प्रतिभाशाली बालकों के लिए विशेष प्रकार की शिक्षा देने का प्रयत्न करना चाहिए। • संवर्द्धित कार्यक्रम या विस्तृत पाठ्यक्रम योजना। • प्रतिभाशाली बालकों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए अलग विद्यालय हो जहाँ उन्हें अपनी योग्यताओं को विकसित करने की पर्याप्त सुविधाएँ तथा अवसर प्रदान किये जाएँ। 10 / 20 10. विद्यालय में वैयक्तिक विभिन्नताओं के लिए व्यवस्था के संदर्भ में उपयोगी सुझाव नहीं है- वैयक्तिक क्षमताओं व योग्यताओं का उचित ज्ञान। योग्यता अनुसार समूह में विभक्त करना। पाठ्यक्रम को कुसमायोजित करना। विशिष्ट विधियों को अपनाना। Solution • विद्यालय में वैयक्तिक विभिन्नताओं के लिए व्यवस्था के संदर्भ में उपयोगी सुझाव- 1. वैयक्तिक क्षमताओं व योग्यताओं का उचित ज्ञान 2. योग्यता अनुसार समूह में विभक्त करना। 3. पाठ्यक्रम को समायोजित करना। 4. विशिष्ट विधियों (डाल्टन, विनेटिका, प्रोजेक्ट, अभिक्रमित अधिगम) को अपनाना। 5. व्यक्तिगत रूप से शिक्षा प्रदान करने के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों का समावेश करना। 11 / 20 11. हस्तकौशल की शिक्षा विशेषतः उपयोगी है- प्रतिभाशाली बालकों के लिए सृजनात्मक बालकों के लिए मंदबुद्धि बालकों के लिए पिछड़े बालकों के लिए Solution • मंदबुद्धि बालकों की शिक्षा – (1) अपनी देखभाल व शारीरिक प्रशिक्षण (2) हस्तकौशल की शिक्षा (3) शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की शिक्षा (4) विशिष्ट कक्षा आयोजन (5) विशिष्ट शिक्षकों की व्यवस्था (6) मूर्त विषयों की शिक्षा (7) स्वस्थ आदतों का निर्माण 12 / 20 12. बाल अपराध का कारण नहीं है – शारीरिक दोष गरीबी असफलता उचित घरेलू वातावरण Solution • बाल अपराध के कारण :- • शारीरिक दोष • गरीबी • असफलता • वंशक्रम का प्रभाव • बच्चों के प्रति दुर्व्यवहार • अनैतिक परिवार • बेरोजगारी • सामाजिक व आर्थिक स्थिति • विद्यालयी वातावरण 13 / 20 13. पृथक् कक्षाओं एव संवर्द्धन कार्यक्रमों का प्रयोग किन बालकों के शिक्षा के लिए किया जाता हैं? प्रतिभाशाली बालकों के लिए निम्न शैक्षिक उपलब्धि बालकों के लिए प्रतिभाशाली एवं निम्न शैक्षिक उपलब्धि बालकों के लिए उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution • प्रतिभाशाली बच्चों के लिए विशेष प्रकार की शिक्षा देने का पूरा-पूरा प्रयत्न किया जाना चाहिए। अलग विद्यालयों की व्यवस्था तथा संवर्द्धित कार्यक्रम या विस्तृत पाठ्यक्रम योजना का प्रयोग किया जाता है। 14 / 20 14. सृजनशील बालकों (Creative children) का विशेष लक्षण है- समस्याओं के प्रति सजग नहीं होना। गतिशील चिन्तन का अभाव। प्रबल जिज्ञासा। समायोजन के प्रति जागरूक नहीं होना। Solution सृजनशील बालकों की विशेषताएँ :- • समस्याओं के प्रति सजग होना। • समस्या-समाधान की योग्यता। • अपसारी चिंतन। • प्रबल जिज्ञासा • गतिशीलता • स्वतंत्रता का भाव • भविष्य के प्रति आशावान • समायोजन के प्रति जागरूक होना। 15 / 20 15. …………. का अर्थ व्यक्तियों की विशेषताओं तथा व्यवहार के स्वरूपों में पाया जाने वाला वैशिष्ट्य तथा विचलनशीलता। व्यक्तिगत समानता स्थितिवाद व्यक्तिगत भिन्नता व्यक्ति अध्ययन Solution • वैयक्तिक विभिन्नता का अर्थ – • व्यक्तियों में पाई जाने वाली उन सभी भिन्नताओं तथा भेदों को, जो एक-दूसरे से अलग करते हुए एक व्यक्ति को अपने आप में एक अनुपम व्यक्ति बनाती है, वैयक्तिक भिन्नता कहलाती है। • प्रत्येक बालक विशिष्ट होता है। समाज में सभी बालक एक समान प्रकृति के नहीं होते हैं और उन बालकों में विभिन्न प्रकार की अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं। • व्यक्तिगत भिन्नता का अर्थ है व्यक्तियों की विशेषताओं तथा व्यवहार के स्वरूपों में पाया जाने वाला वैशिष्ट्य तथा विचलनशीलता। • हममें से प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय होता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति विभिन्न विशेषकों के विशिष्ट सम्मिश्रण को अभिव्यक्त करता है। 16 / 20 16. अंधे बालकों को शिक्षण देने की पद्धति है- पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाएँ (Co-curricular activities) श्रव्य सामग्री (Audio-aids) ब्रेल लिपि (Braile Script) टंकण विधि (Typing) Solution • ब्रेल लिपि – यह अंधे बालकों को शिक्षण देने की पद्धति है। इस पद्धति का विकास लुइस ब्रेल द्वारा किया गया। इस पद्धति में छात्रों को ब्रेल पुस्तक, ब्रेल स्लेट आदि द्वारा पढ़ना-लिखना सिखाया जाता हैं। ब्रेल अक्षरों को छात्र स्टाइलस (Stylus) की मदद से लिखते हैं। उभरे हुए बिन्दुओं पर छात्र अपनी अँगुली की नोंक रखकर ब्रेल अक्षरों को पढ़ते हैं। 17 / 20 17. व्यक्तिगत भिन्नता (Individual Difference) का ज्ञान अध्यापक को मदद करता है – कक्षा में अनुशासन बनाए रखने में छात्रों के गृहकार्य के मूल्यांकन में शिक्षण अधिगम क्रियाओं की योजना बनाने में कक्षा में आवश्यक व्यवस्था बनाए रखने में Solution • व्यक्तिगत भिन्नता का ज्ञान अध्यापक को शिक्षण अधिगम क्रियाओं की योजना बनाने में मदद करता है। • उचित शिक्षा के लिए यह आवश्यक है कि छात्रों का अलग-अलग समूहीकरण या वर्गीकरण किया जाए। • वैयक्तिक भिन्नता के आधार पर अध्यापक को पाठ्यक्रम का निर्माण करना चाहिए। • गृह कार्य देते समय वैयक्तिक विभिन्नता का ज्ञान शिक्षक के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध होता है। 18 / 20 18. प्रशिक्षणीय (Training) की शैक्षिक श्रेणी में मुख्यत: रखा जाता है- साधारण मानसिक मंदता (Mild) (52-67) वाले बालक अल्पबल मानसिक मंदता (Moderate) (36-51) वाले बालक गंभीर मानसिक मंदता (Severe) (20-35) वाले बालक गहन मानसिक मंदता (Profound) (20 से नीचे) वाले बालक Solution • अल्पबल मानसिक मंदता (Moderate) (36-51) वाले बालक:- इस श्रेणी में आने वाले बालक की IQ (36-51) तक होती है। ऐसे बालकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कुछ हद तक मामूली कार्य करने के लायक बनाया जा सकता है। अत: उन्हें प्रशिक्षणीय की शैक्षिक श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे बालकों की सीखने की दर धीमी होती है। 19 / 20 19. पिछड़े हुए बालकों की शिक्षा व्यवस्था तथा उनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए उपाय है – विशेष विद्यालयों या कक्षाओं की व्यवस्था विशिष्ट पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियों तथा विशेष अध्यापकों की व्यवस्था अनुपस्थिति और विद्यालय से भागने की प्रवृत्ति की रोकथाम उपर्युक्त सभी Solution • पिछड़े हुए बालकों की शिक्षा व्यवस्था तथा उनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए निम्न उपाय हैं – • नियमित डॉक्टरी देखभाल और आवश्यक उपचार। • घर तथा विद्यालय में बालक को समायोजित होने में सहायता करना। • विशेष विद्यालयों या कक्षाओं की व्यवस्था। • विशिष्ट पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियों तथा विशेष अध्यापकों की व्यवस्था। • व्यक्तिगत ध्यान देना तथा अलग से समय देकर पढ़ाना। • अनुपस्थिति और स्कूल से भागने की प्रवृत्ति की रोकथाम। • प्रगति का उचित लेखा-जोखा रखना। 20 / 20 20. बालकों के पिछड़ेपन के कारण हैं – बौद्धिक क्षमता की कमी वातावरण का प्रभाव स्वभाव संबंधी दोष उपर्युक्त सभी Solution • बालकों के पिछड़ेपन के कारण निम्न हैं – • बौद्धिक क्षमता की कमी • वातावरण का प्रभाव • शारीरिक दोष • स्वभाव-संबंधी दोष • कर्तव्यत्यागिता Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now