REET LEVEL 2 SST राजस्थान की कला व संस्कृति | REET 2025 | सामाजिक अध्ययन ( राजस्थान की कला व संस्कृति ) | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 26, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /20 171 1234567891011121314151617181920 राजस्थान की कला व संस्कृति | REET 2025 | सामाजिक अध्ययन ( राजस्थान की कला व संस्कृति ) | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 20 1. किस मेले में दीपदान की परम्परा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और पौराणिक है? सालासर मेला पुष्कर मेला परबतसर मेला खाटूश्यामजी मेला Solution ● पुष्कर मेले में दीपदान की परम्परा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और पौराणिक है। ● पुष्कर मेला कार्तिक पूर्णिमा को लगता है। ● पूरे भारत में यही ब्रह्माजी का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें उनकी विधिवत पूजा होती है। 2 / 20 2. मीराबाई का जन्म किस वंश में हुआ था? परमार राठौड़ चौहान सिसोदिया Solution ● राठौड़ वंश में मीराबाई का जन्म 1498 ई. में कुड़की गाँव (पाली) में हुआ। ● इनके पिता का नाम रतनसिंह राठौड़ एवं दादा का नाम राव दूदा था। ● मीराबाई ने सगुण भक्ति का सरल मार्ग भजन, नृत्य एवं कृष्ण स्मरण को माना है। ● इनकी भक्ति माधुर्य भाव की थी। 3 / 20 3. मेवाड़ में ‘श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र चूर्णि’ ग्रंथ का चित्रण किसके समय हुआ था? महाराणा मोकल महाराणा तेजसिंह बप्पा रावल महाराणा कुम्भा Solution ● श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र चूर्णि- मेवाड़ चित्रशैली का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ मेवाड़ महाराणा तेजसिंह के समय (1260-61 ई.) में कमलचन्द्र नामक चित्रकार द्वारा चित्रित किया गया। ● किशनगढ़ चित्रशैली के अंतर्गत अमरचंद नामक चित्रकार द्वारा ‘चाँदनी रात की संगीत गोष्ठी’ विषय पर चित्रांकन किया गया। 4 / 20 4. चार हाथों वाले देवता के रूप में किसे जाना जाता है? मल्लीनाथ जी रामदेव जी तेजाजी कल्ला जी Solution ● चार हाथों वाले देवता के रूप में वीर कल्ला जी को जाना जाता है। ● कल्लाजी ने अकबर से लड़ते घायल हुए जयमल को कंधों पर बैठाकर युद्ध किया। 5 / 20 5. हवामहल की चौथी मंजिल का क्या नाम है़? हवा मंदिर प्रकाश मंदिर विचित्र मंदिर शरद मंदिर Solution ● हवामहल पाँच मंजिला इमारत है, जिसकी मंजिलों का क्रम निम्न प्रकार हैं– 1. शरद मंदिर 2. रतन मंदिर 3. विचित्र मंदिर 4. प्रकाश मंदिर 5. हवा मंदिर ● इसका निर्माण सवाई प्रताप सिंह ने अपनी रानियों को तीज या गणगौर की सवारी दिखाने हेतु करवाया था। 6 / 20 6. अणुव्रत आंदोलन के प्रणेता हैं– आचार्य भिक्षु केशवचन्द्र सेन आचार्य तुलसी नागार्जुन Solution ● आचार्य तुलसी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले के लाडनूं कस्बे में कार्तिक शुक्ल द्वितीया वि.सं. 1971 को हुआ। ● आचार्य तुलसी अणुव्रत आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म, समाज व जाति का हो वह अणुव्रती बन सकता है। ● आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के रूप में 75 नियमों की जानकारी दी। ● अणुव्रत ने जातिवाद, साम्प्रदायिकता, छुआछूत आदि का विरोध किया। 7 / 20 7. ‘दुविधा’ किसकी कृति है जिस पर ‘पहेली’ नामक फिल्म का निर्माण हो चुका है? कन्हैयालाल सेठिया विजयदान देथा दुरसा आढ़ा कविराजा श्यामलदास Solution ● जोधपुर जिले के बोरूदा गाँव में जन्मे विजयदान देथा एक कथाकार और व्यंग्यकार थे। ● 1973 में फिल्म निर्माता मणि कौल ने उनकी कहानी ‘दुविधा’ पर दुविधा नाम से फिल्म बनाई, फिर इसी कथा पर अमोल पालेकर ने ‘पहेली’ नामक फिल्म बनाई। ● विजयदान देथा की प्रसिद्ध कृतियाँ बातां री फुलवारी (लोक कथा संग्रह) 14 खण्डों में, बापू के तीन हत्यारे (आलोचना, 1948), चौधरायन की चतुराई (लघु कहानी संग्रह, 1948) दुविधा, अलेखू हिटलर, अनोखा पेड़, महामिलन, सपन प्रिया आदि हैं। 8 / 20 8. पटेल्या, बीछियो एवं लालर प्रमुख लोकगीत हैं– मारवाड़ के मेवाड़ के शेखावाटी के हाड़ौती के Solution ● मेवाड़ क्षेत्र के मुख्य लोक गीत पटेल्या, बीछियो, लालर, आदि हैं। ● उत्तरी मेवाड़ के भीलों का प्रसिद्ध गीत हमसीढो है जिसे स्त्री व पुरुष मिलकर गाते हैं। ● बिछुड़ो हाड़ौती क्षेत्र का लोकप्रिय गीत है। 9 / 20 9. देवल चारणी की गाये छुड़ाते हुए कौन-से लोकदेवता वीरगति को प्राप्त हुए? तेजाजी पाबूजी हड़बूजी देवनारायणजी Solution ● पाबूजी के विवाह के समय जायल (नागौर) नरेश जींदराव खींची ने पूर्व वैर के कारण देवल चारणी की गायों को घेर लिया। देवल ने पाबूजी से गायों को छुड़ाने की प्रार्थना की। तीन फेरे लेने के पश्चात् चौथे फेरे से पूर्व ही वे देवल चारणी की केसर कालमी घोड़ी पर सवार होकर गायों की रक्षार्थ रवाना हो गये। कड़े संघर्ष 1276 ई. में पाबूजी अनेक साथियों सहित वीर-गति को प्राप्त हुए। ● इनका मुख्य पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। 10 / 20 10. गणगौर में ‘गण’ से तात्पर्य है- पार्वती शिव विष्णु लक्ष्मी Solution ● गणगौर में ‘गण’ से तात्पर्य शिव तथा ‘गौर’ से गौरी पार्वती से है। ● गणगौर का त्योहार चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। 11 / 20 11. ‘तुरही’ किस प्रकार का वाद्ययंत्र है? घन वाद्ययंत्र अवनद्ध वाद्ययंत्र सुषिर वाद्ययंत्र तत् वाद्ययंत्र Solution ● तुरही चिलम के आकार का ताँबे या पीतल से बना एक सुषिर वाद्ययंत्र है। प्राचीन व मध्यकाल से इसे युद्ध का वाद्ययंत्र माना जाता था। ● अन्य सुषिर वाद्ययंत्र – शहनाई, बाँसुरी, अलगोजा, पूंगी, नड़, तुरही, शंख, बाँकिया, भूंगल, मोरचंग, मशक, सतारा, सिंगी, सुरणाई आदि। 12 / 20 12. कच्छी घोड़ी नृत्य किस अवसर पर किया जाता है? होली विवाह तीज नवरात्र Solution ● कच्छी घोड़ी शेखावाटी तथा कुचामन, परबतसर, डीडवाना आदि क्षेत्रों का प्रमुख व्यावसायिक लोक नृत्य है। ● यह विवाह के अवसर पर किया जाता है। ● इस नृत्य में ढोल, बांकिया और थाली बजती है। नर्तक वीरोचित वेशभूषा धारण करके तलवार हाथ में लेकर काठ व कपड़े से बनी घोड़ी पर सवार होकर नृत्य करता है। 13 / 20 13. थेवा कला से तात्पर्य है- कागज निर्मित बर्तनों पर चित्रकारी पीतल पर मीनाकारी का कार्य जटपट्टी का कार्य काँच पर हरे रंग की मीनाकारी Solution ● थेवा कला में ‘रंगीन बेल्जियम काँच’ का प्रयोग किया जाता है। थेवा कला पाँच सौ वर्षों से प्रतापगढ़ के सोनी परिवार तक ही सीमित है। ● नवम्बर, 2002 में थेवा कला पर डाक टिकट जारी किया गया। ● प्रमुख कलाकार – नाथूजी सोनी (थेवा कला के जनक) जगदीश सोनी, महेश सोनी, राजप्रसाद सोनी। 14 / 20 14. निम्नलिखित में से सत्य कथन है– 1. करणी माता का मेला चैत्र व आश्विन नवरात्र में लगता है। 2. चाकसू में भरने वाले शीतला माता के मेले को बैलगाड़ी मेले के नाम से जाना जाता है। 3. कैलादेवी का मेला चैत्र शुक्ल अष्टमी को लगता है। 1 व 2 2 व 3 1 व 3 उपर्युक्त सभी Solution ● बीकानेर जिले की नोखा तहसील के देशनोक में बीकानेर के राठौड़ राजघराने की कुल देवी ‘करणी माता’ का मन्दिर स्थित है। ● यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र एवं अश्विन नवरात्र में मेले का आयोजन होता हैं। ● जयपुर जिले में चाकसू तहसील के शील की डूंँगरी गाँव में चैत्र कृष्ण सप्तमी-अष्टमी का शीतला माता का मेला लगता है। ● इस मेले में दूर–दूर से ग्रामीण रंगीन कपड़ों में सजे, अपनी सुसज्जित बैलगाड़ियों से आते हैं इसलिए यह ‘बैलगाड़ी मेले’ के नाम से जाना जाता है। ● करौली जिले में त्रिकूट पर्वत की घाटी में कैलादेवी का भव्य मन्दिर है। यहाँ चैत्र शुक्ल अष्टमी को मेला लगता है। 15 / 20 15. राजस्थान में विभिन्न समय पर निम्नलिखित त्योहार मनाए जाते हैं- (A) करवा चौथ (B) अक्षय तृतीया (C) जन्माष्टमी (D) बछबारस पंचांग के अनुसार उनका तिथिक्रम है- B, C, D व A B, A, C व D A, C, B व D B, C, A व D Solution ● अक्षय तृतीया – वैशाख शुक्ल तृतीया ● जन्माष्टमी – भाद्रपद कृष्ण अष्टमी ● बछबारस – भाद्रपद कृष्ण द्वादशी ● करवा चौथ – कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 16 / 20 16. मूसी महारानी की छतरी किस जिले में स्थित है? भरतपुर में बूँदी में उदयपुर में अलवर में Solution ● मूसी महारानी की छतरी अलवर जिले में स्थित है। ● मूसी महाराजा बख्तावरसिंह की पासवान थी। ● महाराजा विनयसिंह ने 80 खम्भों की मूसी महारानी की छतरी का निर्माण करवाया था। 17 / 20 17. कालीसिंध व आहू नदियों के संगम पर स्थित दुर्ग है– चित्तौड़गढ़ भैंसरोडगढ़ गागरोन जालोर दुर्ग Solution ● गागरोन का किला झालावाड़ में कालीसिंध व आहू नदियों के संगम पर स्थित है। तीन तरफ नदियों से घिरा यह किला ‘जलदुर्ग’ की श्रेणी में आता है। ● चम्बल और बामनी नदियों के संगम स्थल पर अरावली पर्वतमाला की घाटी में भैंसरोड़गढ़ ‘जलदुर्ग’ स्थित है। ● चित्तौड़ का किला गंभीरी व बेड़च नदियों के संगम स्थल के निकट अरावली पर्वतमाला के एक विशाल पर्वत शिखर पर बना है। ● जालोर दुर्ग (गिरि दुर्ग) सूकड़ी नदी के दाहिने किनारे अरावली पर्वत शृंखला की सोनगिरि पहाड़ी पर जालोर में स्थित है। 18 / 20 18. थळी और गोड़वाड़ी किस बोली की उपबोलियाँ हैं? मारवाड़ी ढूँढाड़ी मेवाड़ी हाड़ौती Solution ● पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख बोली मारवाड़ी क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थानी बोलियों में प्रथम स्थान रखती है। ● यह मुख्य रूप से जोधपुर, पाली, बीकानेर, नागौर, बाड़मेर व जैसलमेर में बोली जाती है। ● थळी और गोड़वाड़ी बोलियाँ मारवाड़ी की उपबोलियाँ हैं। 19 / 20 19. जयपुर के गोविन्ददेव जी की मूर्ति कौन लाए ? सवाई जयसिंह – द्वितीय मिर्जाराजा मानसिह-प्रथम सवाई प्रताप सिंह सवाई ईश्वरी सिंह Solution ● गोविन्ददेव जी का मंदिर जयपुर का सबसे प्रसिद्ध बिना शिखर का मंदिर है। यह चन्द्र महल के पूर्व में बने जय निवास बगीचे के मध्य अहाते में स्थित है। संरक्षक देवता गोविंदजी की मूर्ति पहले वृंदावन के मंदिर में स्थापित थी जिसको सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के रूप में यहाँ पुनः स्थापित किया था। 20 / 20 20. राजस्थान का एकमात्र किला कौन-सा है, जिस पर कभी बाह्य आक्रमण नहीं हुआ? जयगढ़ गागरोन का किला मेहरानगढ़ सोनारगढ़ Solution ● राजस्थान का एकमात्र किला जयगढ़ (जयपुर) है, जिस पर कभी बाह्य आक्रमण नहीं हुआ। ● गागरोन का किला झालावाड़ में स्थित है। ● मेहरानगढ़ – जोधपुर। ● सोनारगढ़ – जैसलमेर। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now