REET भाषा शिक्षण में मूल्यांकन | REET 2025 | हिंदी | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 25, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 27 12345678910 भाषा शिक्षण में मूल्यांकन | REET 2025 | हिंदी | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. उपचारात्मक शिक्षण की सफलता निर्भर करती है- उपचारात्मक शिक्षण के उपकरण पर। समस्याओं और कमजोरियों की सही पहचान पर। समय और अवधि पर। इनमें से कोई नहीं Solution – उपचारात्मक शिक्षण की सफलता छात्रों के समस्याओं और कमजोरियों के कारणों की सही पहचान पर निर्भर करती है क्योंकि उपचारात्मक शिक्षण तभी प्रारम्भ होता है, जब शैक्षिक कमजोरियों, समस्याओं की सही पहचान हो जाती है। कठिनाइयों को दूर करने से शिक्षण प्रक्रिया प्रभावशाली हो जाती है। 2 / 10 2. उपलब्धि परीक्षण का उपयोग नहीं होता है? वर्गीकरण श्रेणी विभाजन शिक्षक की कठिनाई का निदान शैक्षिक निर्देशन Solution – उपलब्धि परीक्षण का उपयोग शिक्षक की कठिनाई का निदान करने के लिए नहीं होता है। उपलब्धि परीक्षण द्वारा छात्रों के ज्ञान-प्राप्ति की उपलब्धि की जाँच की जाती है। इस परीक्षण द्वारा छात्रों की श्रेणी विभाजन निर्धारित की जाती है, जिसके आधार पर छात्रों का वर्गीकरण किया जाता है। इसके द्वारा छात्रों को शैक्षिक निर्देशन भी दिया जाता है। 3 / 10 3. अधिक विश्वसनीय परीक्षण है- मौखिक परीक्षण आत्मनिष्ठ परीक्षण प्रमापीकृत परीक्षण इनमें से कोई नहीं Solution प्रमापीकृत परीक्षण अधिक विश्वसनीय परीक्षण है क्योंकि इस परीक्षा में परीक्षण का समय, पूर्णांक, विषय वस्तु का क्षेत्र आदि परीक्षण के पूर्व ही निश्चित कर एक रूपरेखा तैयार कर ली जाती है, उसके बाद परीक्षण सम्पन्न कराया जाता है। अतिरिक्त जानकारी – उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य– 1. इस परीक्षण द्वारा छात्रों द्वारा अर्जित निपुणता को मापा जाता है। 2. बालकों की उपलब्धि के सामान्य स्तर को निर्धारित करना। 3. पाठ्यक्रम के लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर बालकों की प्रगति की जानकारी करना। 4. बालकों की विभिन्न विषयों और क्रियाओं में वास्तविक स्थिति का पता लगाना। 5. ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए प्रशिक्षण के परिणामों का मूल्यांकन करना। 4 / 10 4. जिस उद्देश्य के लिए परीक्षण तैयार किया गया है, यदि वह उसकी पूर्ति करता है, तो वह कहलाएगा- वैध परीक्षण विश्वसनीय परीक्षण वस्तुनिष्ठ परीक्षण विषयपरक परीक्षण Solution – जिस उद्देश्य के लिए परीक्षण तैयार किया गया है, यदि वह उसकी पूर्ति करता है, तो वह वैध परीक्षण कहलाएगा। वैधता से तात्पर्य वस्तु के मापन से है। मापन के अन्तर्गत बताई गई मात्रा ही परीक्षण की वैधता है। 5 / 10 5. मूल्यांकन होता है- उद्देश्य-आधारित निरुद्देश्य योग्यता पर आधारित उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution – मूल्यांकन उद्देश्य आधारित होता है। मूल्यांकन के लिए ऐसी विधियों का प्रयोग किया जाता है, जिसका हर बिन्दु किसी न किसी उद्देश्य की जाँच करता है। 6 / 10 6. प्राथमिक स्तर पर छात्रों की भाषा के आकलन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है- मौखिक परीक्षा लिखित परीक्षा पोर्टफोलियो इनमें से कोई नहीं Solution – पोर्टफोलियो विद्यार्थियों के एक अवधि या पूरे सत्र का चित्र है। विद्यार्थियों को निर्धारित किए गए सभी कार्य तथा शिक्षक द्वारा किए गए सभी मूल्यांकन इसमें शामिल होता है। इस प्रकार से पोर्टफोलियो विद्यार्थी के प्रगति का एक प्रलेख है, इसलिए यह भाषा के आकलन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। 7 / 10 7. बी.एस. ब्लूम ने शिक्षा में कौन-सा नवीन आयाम दिया है? RCEM उपागम मॉरीसन उपागम मूल्यांकन उपागम हरबर्ट उपागम Solution ● बी.एस. ब्लूम ने शिक्षा में नवीन आयाम ‘मूल्यांकन उपागम’ दिया है। ब्लूम द्वारा निर्मित यह उपागम उद्देश्य-केन्द्रित है। ब्लूम के अनुसार शिक्षा त्रिपदीय व्यवस्था है। मूल्यांकन उपागम के तीन सोपान हैं- 1. शैक्षिक उद्देश्य एवं उनके व्यवहारगत परिवर्तनों का निर्धारण करना। 2. सीखने (अधिगम) के अनुभव प्रदान करना। 3. व्यवहारगत परिवर्तनों का मूल्यांकन करना। 8 / 10 8. बालक के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन का निर्णय किया जाता है- प्रशिक्षण से मूल्यांकन से परीक्षा से अनुदेशन से Solution ● बालक के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन का निर्णय मूल्यांकन से किया जाता है। जिस साधन द्वारा यह ज्ञात हो कि कार्य की समाप्ति पर पूर्व निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति किस सीमा तक हुई है, उसे मूल्यांकन कहते हैं। मूल्यांकन निरन्तर चलने वाली एक प्रक्रिया है। मूल्यांकन छात्रों के व्यवहार सम्बन्धी सामग्री एकत्र करने का साधन है, जिसके आधार पर छात्रों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन का निर्णय लिया जाता है। अतिरिक्त जानकारी – मूल्यांकन प्रक्रिया– ● डेप्सी (DEPSE) ने “The Concept of Evaluation in Education” में मूल्यांकन प्रक्रिया के निम्न पद निश्चित किए – (1) शिक्षण लक्ष्यों का चयन। (2) शिक्षण लक्ष्य का स्पष्टीकरण। (3) परिस्थितियों की पहचान। (4) मापन विधियों की जांच और चयन। (5) लेखनबद्ध प्रमाणों की व्याख्या। 9 / 10 9. क्रिया पक्ष से संबंधित परीक्षा है- वस्तुनिष्ठ परीक्षा निबन्धात्मक परीक्षा प्रायोगिक परीक्षा इनमें से कोई नहीं Solution ● प्रायोगिक परीक्षा, क्रिया पक्ष से संबंधित परीक्षा है। इन परीक्षाओं का आयोजन प्रायोगिक विषयों में छात्रों के कौशलों का मापन करने के लिए किया जाता है। प्रायोगिक परीक्षा में छात्रों को कुछ कार्य करने को दिये जाते हैं और वे उन्हें अपनी क्षमतानुसार पूरा करते हैं। इन परीक्षाओं द्वारा छात्रों का संपूर्ण मूल्यांकन किया जाना संभव नहीं है। 10 / 10 10. विद्यार्थियों के लिखित कार्य के मूल्यांकन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है- वाक्य विन्यास शुद्ध वर्तनी अभिव्यक्ति विचार तत्सम-तद्भव का प्रयोग Solution ● विद्यार्थियों के लिखित कार्य के मूल्यांकन में अभिव्यक्ति विचार सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। भाषा की ध्वनियों को लिपिबद्ध करना ही ‘लिखना’ कहलाता है। लिखित कार्य में विद्यार्थी स्वतंत्र रूप से अपने विचारों, भाषा शैलियों को अभिव्यक्ति करता है। लेखन कला का पूर्ण परिचय में पढ़ना और लिखना दोनों कौशल निहित है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now