REET LEVEL 1 दुर्व्यसन और उसके दुष्परिणाम | REET 1st Level 2025 | पर्यावरण | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 23, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 51 12345678910 दुर्व्यसन और उसके दुष्परिणाम | REET 1st Level 2025 | पर्यावरण | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. बाल दुर्व्यवहार के अन्तर्गत शामिल है- शारीरिक दुर्व्यवहार मानसिक दुर्व्यवहार लैंगिक दुर्व्यवहार उपर्युक्त सभी Solution ● उपर्युक्त सभी बाल दुर्व्यवहार के अन्तर्गत शामिल हैं। बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक मानसिक, लैंगिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, अत्याचार व हिंसा को बाल दुर्व्यवहार माना गया है। 2 / 10 2. निम्नलिखित में से कौनसा नशीले पदार्थों का दुष्प्रभाव नहीं है? शारीरिक हानि आर्थिक हानि घरेलू अहिंसा स्मरण क्षमता में कमी Solution नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव :- शारीरिक हानि। आर्थिक हानि । सामाजिक प्रतिष्ठा की हानि। स्वयं पर नियंत्रण नहीं। तंत्रिका तंत्र की क्षमता में कमी। स्मरण क्षमता में कमी। मस्तिष्क पर प्रभाव होने के कारण नेत्र की दृष्टि क्षमता में कमी। पारिवारिक लड़ाई। घरेलू हिंसा। नशेड़ियों में हिंसात्मक प्रवृत्ति का विकास। आपराधिक गतिविधियों की प्रवृत्ति । 3 / 10 3. बीड़ी और सिगार कर्मवार नियोजन कानून-1966 का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को कितने माह का कारावास दी जा सकती है? 3 माह 6 माह 2 माह 4 माह Solution ● बीड़ी और सिगार कर्मवार नियोजन कानून-1966 का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 6 माह का कारावास या 5000/- जुर्माना अथवा दोनों दी जा सकती है। इस कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के बालक की नियुक्ति बीड़ी और सिगार के कारखानों में प्रतिबन्धित है। 4 / 10 4. निम्नलिखित में से किस नशीली पदार्थ का सेवन चबा-चबा कर किया जाता है? गुटखा तम्बाकू अफीम गुटखा व तम्बाकू Solution ● गुटखा व तम्बाकू का सेवन चबा-चबा कर किया जाता है, जिससे नशा उत्पन्न होता है। गुटखों को सुपारी, तम्बाकू, जर्दा, संश्लेषित रंग तथा खुशबू को मिलाकर बनाया जाता है तथा इनको पैकट बनाकर बेचा जाता है। कभी-कभी तम्बाकू का सेवन सिगरेट या बीड़ी की सहायता से किया जाता है। 5 / 10 5. मदिरा का सामान्य सूत्र है- C₂H₅OH C₂H₄OH C₂H₃OH C₂H₂OH Solution ● मदिरा का सामान्य सूत्र है- C2H5 OH इसको एथेनॉल या एथिल एल्कोहल भी कहा जाता है। मदिरा का सेवन पी कर किया जाता है, जिससे नशा उत्पन्न होता है। 6 / 10 6. मादक पदार्थों में शामिल है- अफीम, भाँग एवं गाँजा चरस, अफीम एवं कोकीन हेरोइन, हशीश एवं LSD उपर्युक्त सभी Solution ● उपर्युक्त सभी मादक पदार्थों में शामिल हैं। इन सबका सेवन सीधे निगल कर किया जाता है या कुछ का सिगरेट की सहायता से नशा किया जाता है। 7 / 10 7. मदिरा का अत्यधिक सेवन करने से होने वाला मुख्य रोग है- मधुमेह वसीय यकृत गला का कैंसर रिकेट्स Solution ● मदिरा का अत्यधिक सेवन करने से होने वाला मुख्य रोग वसीय यकृत है। मदिरा का अत्यधिक सेवन करने से यकृत खराब होने लगता है, इस रोग को वसीय यकृत (Fatty Liver) कहते हैं। 8 / 10 8. नशीली पदार्थों के सेवन का दुष्प्रभाव है- स्मरण क्षमता में कमी तन्त्रिका तंत्र की क्षमता में कमी आपराधिक गतिविधियों की प्रवृत्ति उपर्युक्त सभी Solution ● उपर्युक्त सभी नशीली पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभाव हैं। नशीली पदार्थोँ के सेवन से शारीरिक आर्थिक व सामाजिक प्रतिष्ठा की हानि होती है। और नशेड़ियों में हिंसात्मक प्रवृत्ति का विकास होता है, जिससे वह आपराधिक गतिविधियों में लीन हो जाते हैं। 9 / 10 9. नशाखोरी दूर करने के सरकार के प्रयास हैं- स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1985 औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम – 1940 स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम – 1988 उपर्युक्त सभी Solution ● उपर्युक्त सभी अधिनियम नशाखोरी दूर करने के सरकार के प्रयास हैं। औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम – 1940, भारत में औषधि आयात, निर्माण और वितरण को नियन्त्रित करने से संबंधित है। स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1985 नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के तहत भारत के सन्धि दायित्वों को पूरा करने के लिए बनाया गया। देश में मादक दवाओं और मन: प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 1988 में स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम पारित किया गया। 10 / 10 10. ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक्स एक्ट कब पारित हुआ? 1940 1955 1985 1988 Solution ● ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक्स एक्ट 1940 में पारित हुआ। यह एक्ट (औषधि और प्रशाधन सामग्री अधिनियम-1940) भारत में औषधि आयात, निर्माण और वितरण को नियन्त्रित करने के लिए भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है। इस अधिनियम का प्राथमिक उद्देश्य भारत द्वारा क्रय की जाने वाली औषधियों और प्रसाधन सामग्री की सुरक्षित, प्रभावी और राज्य के मानक गुणवता व मापदण्डों की जाँच करना है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now