REET LEVEL 1 त्रुटि विश्लेषण और उपचारात्मक शिक्षण | REET 1st Level 2025 | गणित | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 24, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 20 12345678910 त्रुटि विश्लेषण और उपचारात्मक शिक्षण | REET 1st Level 2025 | गणित | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. न्यूमैन के त्रुटि विश्लेषण के पाँच नियम हैं। वे याद्दच्छिक क्रम में दिए गए हैं– (1) प्रश्न को समझना (2) गणितीय चिह्नों में रुपांतरण (3) प्रश्न को पढ़ना (4) उत्तर को प्रतिपादित करना (5) गणितीय कार्य-विधियों का निष्पादन करना। सही अनुक्रम वाले विकल्प का चयन कीजिए– 3, 1, 5, 4, 2 2, 1, 5, 4, 3 1, 3, 5, 2, 4 1, 3, 5, 2, 4 Solution न्यूमैन के त्रुटि विश्लेषण के पाँच नियम है इनका सही अनुक्रम इस प्रकार होगा– (1) प्रश्न को पढ़ना (2) प्रश्न को समझना (3) गणितीय चिह्नों में रुपांतरण (4) गणितीय कार्य-विधियों का निष्पादन करना। (5) उत्तर को प्रतिपादित करना 2 / 10 2. त्रुटि विश्लेषण के स्तर में सम्मिलित है– समस्याग्रस्त बालकों की पहचान समस्याग्रस्त बालकों की पहचान त्रुटियों के कारण उपर्युक्त सभी Solution त्रुटि विश्लेषण के स्तर – – समस्याग्रस्त बालकों की पहचान – त्रुटि का क्षेत्र – त्रुटियों के कारण – त्रुटियों का उपचार – समस्याएँ/त्रुटियाँ उत्पन्न न हो इसके लिए सूझाव 3 / 10 3. गणित शिक्षण में त्रुटियों के विश्लेषण हेतु अपेक्षित अधिगम सफलता किसकी दक्षता पर निर्भर करती है? शिक्षक की दक्षता पर अभिभावक की दक्षता पर अभिभावक की दक्षता पर प्रधानाध्यापक की दक्षता पर Solution ● गणित शिक्षण में त्रुटियों के विश्लेषण हेतु अपेक्षित अधिगम सफलता शिक्षक की दक्षता पर निर्भर करती है। दक्ष शिक्षक त्रुटियों के विश्लेषण के लिए उचित अद्यतन उपचारात्मक शिक्षण विधि का प्रयोग कर अपेक्षाकृत कम समय में अधिक विस्तृत रूप में अधिगम करवायेगा। अतिरिक्त जानकारी – गणित शिक्षण में होने वाली प्रमुख त्रुटियाँ :- ● गणित शिक्षण में बच्चों में बहुत-सी त्रुटियाँ पाई जाती हैं, जो निम्नलिखित है- – बालकों का गणित के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण का होना। – शिक्षण कार्यों के दौरान शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता का अभाव। – बालकों में कल्पना तथा स्मरण शक्ति का अभाव। – बालकों में गणित शिक्षण की समस्या का विश्लेषण तथा संश्लेषण करने की योग्यता की कमी। 4 / 10 4. गणित में पिछड़े छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की जाती है- निदानात्मक परीक्षण के बाद निदानात्मक परीक्षण के पहले उपलब्धि परीक्षण के बाद उपलब्धि परीक्षण के पहले Solution गणित में पिछड़े छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था निदानात्मक परीक्षण के बाद की जाती है। विद्यार्थियों में कमजोरियों का पता लगाने के लिए निदानात्मक परीक्षण का उपयोग किया जाता है, तत्पश्चात् उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था करके उन कमियों को दूर किया जाता है। अतिरिक्त जानकारी – उपचारात्मक शिक्षण के उद्देश्य – 1. विद्यार्थियों की ज्ञान-संबंधी त्रुटियों का अन्त करना। 2. विद्यार्थियों के अधिगम-संबंधी दोषों को दूर करके, उनको भविष्य में उन दोषों से मुक्त रखना। 3. विद्यार्थियों की दोषपूर्ण आदतों, कुशलताओं एवं मनोवृत्तियों को समाप्त करके, उनको उत्तम रूप प्रदान करना। 4. विद्यार्थियों को उन आवश्यक आदतों, कुशलताओं एवं मनोवृत्तियों को सिखाना, जो उनके द्वारा सीखी नहीं गई है। 5. छात्रों की अवांछनीय रुचियों, आदतों एवं दृष्टिकोणों को वांछनीय रुचियों, आदर्शों एवं दृष्टिकोणों में परिवर्तित करना। 5 / 10 5. उपचारात्मक शिक्षण सहायक है– पाठ की पुनरावृत्ति पाठ की पुनरावृत्ति पाठ की पुनरावृत्ति पाठ की पुनरावृत्ति Solution उपचारात्मक शिक्षण छात्रों की सीखने की कठिनाइयों को दूर करने में सहायक है। उपचारात्मक शिक्षण का मुख्य उद्देश्य – गणितीय संक्रियाओं के सम्बन्ध में की जाने वाली त्रुटिपूर्ण क्रियाओं को दूर करना है। अतिरिक्त जानकारी – उपचारात्मक शिक्षण प्रदान करने की विधियाँ :- योकम एवं सिम्पसन के अनुसार – ● विद्यार्थियों को उपचारात्मक शिक्षण प्रदान करने के लिए निम्नलिखित पाँच विधियों का प्रयोग किया जा सकता है– 1. विद्यार्थियों की त्रुटियों को यदा-कदा शुद्ध करना। 2. प्रत्येक छात्र के अधिगम संबंधी दोषों का व्यक्तिगत रूप से अध्ययन करके उसे उनको दूर करने के उपाय बताना। 3. विद्यार्थियों की व्यक्तिगत विभिन्नताओं के अनुसार उनको विभिन्न समूहों में विभाजित करके उनके शिक्षण की व्यवस्था करना। 4. विद्यार्थियों को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित करके उनको, उनकी आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रदान करना। 5. कक्षा के छात्रों के अधिगम संबंधी दोषों, कमजोरियों और बुरी आदतों का निदान करके उनको उनसे मुक्त करना। 6 / 10 6. उपचारात्मक शिक्षण के समय कक्षा का वातावरण होना चाहिए- भयमुक्त भययुक्त अनियन्त्रित उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution ● उपचारात्मक शिक्षण के समय कक्षा का वातावरण भयमुक्त होना चाहिए। उपचार के समय शिक्षक को सभी बालकों के ऊपर व्यक्तिगत ध्यान देना चाहिए। कक्षा में बालकों को अधिक से अधिक अभ्यास के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए। उपचारात्मक शिक्षण द्वारा बालकों की शैक्षिक कठिनाईयों को दूर किया जाता है। 7 / 10 7. क्रमबद्ध परीक्षण के आधार पर किया गया निदान ……… को एक निश्चित दिशा प्रदान करता है। सूक्ष्म शिक्षण उपचारात्मक शिक्षण स्थूल शिक्षण कक्षा शिक्षण Solution क्रमबद्ध परीक्षण के आधार पर किया गया निदान उपचारात्मक शिक्षण को एक निश्चित दिशा प्रदान करता है। निदानात्मक परीक्षण के प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर ज्ञात विद्यार्थियों की कमजोरियों एवं त्रुटियों को दूर कर उन्हें समुचित स्तर के अधिगम की सम्प्राप्ति हेतु सक्षम बनाने के लिए उपचारात्मक शिक्षण प्रक्रिया आयोजित की जाती है। अतिरिक्त जानकारी – ● योकम व सिम्पसन – “उपचारात्मक शिक्षण उस विधि को खोजने का प्रयत्न करता है, जो छात्र को अपनी कुशलता या विचार की त्रुटियों को दूर करने में सफलता प्रदान करें।” ● ब्लेयर, जोन्स व सिम्पसन – “उपचारात्मक शिक्षण, वास्तव में उत्तम शिक्षण है, जो छात्र को अपनी वास्तविक स्थिति का ज्ञान प्रदान करता है और जो सुप्रेरित क्रियाओं द्वारा उसको अपनी कमजोरियों के क्षेत्रों में अधिक योग्यता की दिशा में अग्रसर करता है।” 8 / 10 8. आपकी कक्षा में कुछ छात्र लगातार गणित की परीक्षाओं और परीक्षणों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। एक शिक्षक के रूप में आप- उनको उच्च उपलब्धि वालों के साथ बैठा देंगे। अच्छा न करने के परिणाम को समझाएंगे। अभ्यास के लिए अधिक टेस्ट देंगे। कारणों का निदान करेंगे और उपचारात्मक कदम उठायेंगे। Solution कक्षा में जो छात्र लगातार गणित की परीक्षाओं और परीक्षणों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, उनके कारणों को समझकर कि वह कहाँ पर त्रुटि कर रहे हैं, उसके बाद उपचारी कदम उठाकर उनके कारणों का निदान करेंगे। 9 / 10 9. छात्रों की कमियों को दूर करने के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था करने में सहायक है- वस्तुनिष्ठ परीक्षण उपलब्धि परीक्षण निदानात्मक परीक्षण उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution ● निदानात्मक परीक्षण, छात्रों की कमियों को दूर करने के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था में सहायक है। निदानात्मक परीक्षण वे परीक्षण है जो इस बात का निदान करते हैं कि छात्र किन-किन परिस्थितियों में गलतियाँ करते है, उनकी त्रुटियाँ या गलतियाँ किस प्रकार की है तथा उनके क्या कारण है? अतिरिक्त जानकारी – ● उपलब्धि परीक्षण द्वारा किसी विशेष कार्य क्षेत्र में छात्रों द्वारा अर्जित किए गए ज्ञान एवं कौशल को मापा जाता है। विद्यालय में औपचारिक शिक्षण के लिए उपलब्धि का मापन आवश्यक है। शिक्षा प्रक्रिया को पूर्ण एवं प्रभावशाली बनाने एवं अधिगम स्रोतों के कुशल प्रयोग हेतु विशेष प्रेरणा एवं निर्देशन की आवश्यकता होती है। उपलब्धि परीक्षण यह जानने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं कि बालक ने क्या और कितना सीखा है तथा वह कोई कार्य कितनी भली-भाँति कर सकता है। इस प्रकार बालक विद्यालय में रहकर जो कुछ सीखता है, उसे हम उपलब्धि या निष्पत्ति (Achievement) कहते हैं तथा इस उपलब्धि की जाँच हेतु जो परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, उन्हें उपलब्धि /निष्पत्ति परीक्षण (Achievement Test) कहते हैं। 10 / 10 10. ………..व्यक्ति की जाँच करने के पश्चात् किसी एक या अधिक क्षेत्रों में उसकी विशेषताओं एवं कमियों को व्यक्त करता है। उपलब्धि परीक्षण निदानात्मक परीक्षण उपचारात्मक शिक्षण उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution निदानात्मक परीक्षण व्यक्ति की जाँच करने के पश्चात् किसी एक या अधिक क्षेत्रों में उसकी विशेषताओं एवं कमियों को व्यक्त करता है। इन परीक्षाओं में उपलब्धि परीक्षण की भाँति अंक प्रदान नहीं किए जाते है। बल्कि एक कमी या गलती के कारणों का पता लगाया जाता है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now