REET आकलन,मापन एवं मूल्यांकन | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 21, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 28 12345678910 आकलन,मापन एवं मूल्यांकन | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. मूल्यांकन का क्या अर्थ है? जाँचना परखना परीक्षा लेना निर्णय देना Solution मूल्यांकन – मूल्यांकन (Evaluation) एक निर्णय देने की प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि कक्षा अध्यापन द्वारा उद्देश्यों की प्राप्ति किस सीमा तक हुई है? अर्थात् अध्यापक यह देखना चाहता है कि उसके विद्यार्थियों ने प्राप्त ज्ञान को किस सीमा तक समझा है, उनकी रुचि तथा व्यवहार में कहाँ तक परिवर्तन हुआ है, उनकी विषय के प्रति अभिरुचि कितनी है, उनकी बुद्धि का स्तर क्या है आदि-आदि। यह सब मिलाकर ही मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण समझी जाती है। इस प्रकार शिक्षा में मूल्यांकन से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसमें अध्यापक एक छात्र की शैक्षिक उपलब्धि (Educational Achievement) का पता लगाता है। 2 / 10 2. आकलन का प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए? रिपोर्ट कार्ड में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अंकित करना। विद्यार्थियों के लिए श्रेणी निश्चित करना। संबंधित अवधारणाओं के बारे में बच्चों की स्पष्टता तथा भ्रांतियों को समझना। विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधार पर उनको नामांकित करना। Solution आकलन के उद्देश्य: संबंधित अवधारणाओं के बारे में बच्चों की स्पष्टता तथा भ्रांतियों को समझना। अधिगम पर विश्वसनीय प्रतिपुष्टि प्रदान करना। बच्चों को अध्ययन में रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित करना। प्रत्येक छात्र को अध्ययन में उसकी प्रगति के बारे में प्रतिपुष्टि प्रदान करना। शिक्षक को अपने शिक्षण की प्रभावशीलता के बारे में प्रतिपुष्टि देना। शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया को बढ़ाना ताकि छात्रों के अधिगम का लाभ उठाया जा सके। याद रखने, समझने, लागू करने, विश्लेषण करने, मूल्यांकन करने और शिक्षार्थियों की क्षमताओं का निर्माण करने का आकलन करना। 3 / 10 3. मूल्यांकन से संबंधित कथन है- मूल्यांकन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। छात्रों के व्यवहार संबंधी सामग्री एकत्र करने का साधन है। शिक्षा के उद्देश्यों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है। उपर्युक्त सभी Solution मूल्यांकन की विशेषताएँ – मूल्यांकन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। छात्रों के व्यवहार संबंधी सामग्री एकत्र करने का साधन है। शिक्षा के उद्देश्यों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है। मूल्यांकन शिक्षण प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है। मूल्यांकन का प्रमुख प्रयोजन छात्रों में हुए व्यवहारगत-परिवर्तनों की दिशा, प्रकृति एवं स्तर के संबंध में निर्णय करना है। यह शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के परिणामों का परिमाणात्मक एवं गुणात्मक विवरण प्रस्तुत करता है। 4 / 10 4. निर्माणात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य है– प्रगति पर गौर करना एवं उपचारात्मक अनुदेशन की योजना बनाना। विद्यार्थियों की समझ का पता लगाना। अध्यापक के उद्देश्यों की पूर्ति का पता लगाना। ग्रेड्स प्रदान करना। Solution निर्माणात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य – निर्माणात्मक मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य प्रगति पर गौर करना एवं उपचारात्मक अनुदेशन की योजना बनाना है। इसका उपयोग निर्देश की अवधि के दौरान छात्रों की सीखने की प्रगति की निगरानी के लिए किया जाता है। 5 / 10 5. स्वयं का स्वयं के द्वारा आकलन कहलाता है– सीखने के लिए आकलन सीखने के रूप में आकलन सीखने का आकलन उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution सीखने के रूप में आकलन– यह छात्रों के द्वारा सीखने की प्रक्रिया के दौरान होता है। स्वयं की शक्तियों की पहचान करवाने के लिए उपयोगी अर्थात् स्वयं का स्वयं के द्वारा आकलन। 6 / 10 6. बालक की लेखन क्षमता का सही-सही मूल्यांकन संभव है– वस्तुनिष्ठ परीक्षा से निबन्धात्मक परीक्षा से मौखिक परीक्षा से प्रायोगिक परीक्षा से Solution निबंधात्मक परीक्षाएँ (Essay Type Examinations) :- ऐसी परीक्षाएँ जिनमें बालक से कोई भी प्रश्न लिखित या मौखिक रूप से पूछा जाए तो वह उसका उत्तर निबंधात्मक रूप से प्रस्तुत करे। इन परीक्षाओं का प्रयोग बहुत प्राचीन समय से किया जा रहा है। आज के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक समय में इनकी उपयोगिता इतनी बढ़ गई है कि इनका उपयोग केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि औद्योगिक प्रबंध, सेना अधिकारी आदि सभी अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इनका प्रयोग व्यापक रूप से करते हैं। इस प्रकार इनकी नींव इतनी गहरी है जिसके कारण इन परीक्षाओं को रूढ़िवादी परीक्षाओं के नाम से भी जाना जाता है। इन परीक्षाओं से बालक की उपलब्धि के साथ-साथ उसकी अभिव्यक्त करने की क्षमता, लेखन क्षमता, रुचियों अभिवृत्तियों, कुशलताओं आदि का सही-सही मूल्यांकन संभव है। 7 / 10 7. पाठ पढ़ाते समय बीच-बीच में किया जाने वाला मूल्यांकन कहलाता है– पाठान्तर्गत मूल्यांकन पाठोपरान्त मूल्यांकन योगात्मक मूल्यांकन संकलनात्मक मूल्यांकन Solution पाठान्तर्गत मूल्यांकन – पाठ पढ़ाते समय बीच-बीच में किया जाने वाला मूल्यांकन, पाठान्तर्गत मूल्यांकन कहलाता है। इस मूल्यांकन में उच्चारण की शुद्धता व स्पष्टता होती है। पाठान्तर्गत मूल्यांकन में बोध प्रश्न होते हैं। 8 / 10 8. मूल्यांकन की परिमाणात्मक प्रविधि है– मौखिक परीक्षा लिखित परीक्षा प्रायोगिक परीक्षा उपर्युक्त सभी Solution 9 / 10 9. जिस परीक्षा पर परीक्षक का व्यक्तिगत प्रभाव नहीं पड़ता है, वह परीक्षा कहलाती है– वस्तुनिष्ठ आत्मनिष्ठ निबन्धात्मक उपर्युक्त में से कोई नहीं Solution वस्तुनिष्ठता (Objectivity)- जिस परीक्षा पर परीक्षक का व्यक्तिगत प्रभाव नहीं पड़ता है, वह परीक्षा वस्तुनिष्ठ कहलाती है। किसी भी परीक्षण के लिए वस्तुनिष्ठ होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका विश्वसनीयता व वैधता पर बहुत प्रभाव पड़ता है। एक बार स्कोरिंग कुंजी (Scoring Key) बन जाने पर यह प्रश्न ही नहीं उठना चाहिए कि प्रश्न अस्पष्ट तो नहीं है उसके उत्तर के बारे में ठीक से निर्णय नहीं लिया जा सकता है। अब मूल्यांकन कोई भी करे छात्र को सदैव उतने ही अंक मिलने चाहिए, इसी को वस्तुनिष्ठता (Objectivity) कहते हैं। निबन्धात्मक परीक्षाओं (Essay Type) में यह बात नहीं होती। इसमें कॉपियों का मूल्यांकन करते समय परीक्षक का व्यक्तिगत निर्णय अधिक महत्त्व रखता है। यही कारण है कि इन परीक्षाओं के स्थान पर हम नवीन परीक्षा प्रणाली (Objective Type Test) को अधिक प्रयोग में लाते हैं। 10 / 10 10. सत्र के अंत में किया जाने वाला आकलन है– रचनात्मक आकलन योगात्मक आकलन उपचारात्मक मूल्यांकन निदानात्मक मूल्यांकन Solution योगात्मक आकलन – यह सत्र के अंत में किया जाने वाला आकलन है। योगात्मक आकलन में मापन की भूमिका सब सीखी हुई कुशलताओं में निष्पादन का एक सम्पूर्ण अवलोकन देना है। योगात्मक आकलन का उपयोग ग्रेड देने के लिए किया जाता है। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now