REET अधिगत, अधिगम में आने वाली कठिनाइओं || बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 25, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /20 111 1234567891011121314151617181920 अधिगत, अधिगम में आने वाली कठिनाइओं || बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ || REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 20 1. मनोवैज्ञानिक जो अपने अधिगम सिद्धांत में ‘लाइफ स्पेस’ (जीवन क्षेत्र) को संबोधित करता है, वह है- एडवर्ड टॉलमैन कुर्त लेविन थॉर्नडाइक एडविन गुथरी Solution • कुर्त लेविन ने अपने अधिगम सिद्धांत में ‘लाइफ स्पेस’ (जीवन क्षेत्र) को प्रमुख स्थान दिया है। • लेविन के अनुसार किसी प्राणी का लाइफ स्पेस वह स्थान होता है, जिसमें वह स्वयं मनोवैज्ञानिक रूप से रहता है तथा इसमें उसके अपने प्रत्यक्षण एवं विचार बिन्दु समाहित रहते हैं। यह व्यक्ति (P) तथा उसके मनोवैज्ञानिक वातावरण (E) की अन्त:क्रिया का प्रतिफल है। B = F (P, E) • कुर्त लेविन ने आकर्षण-विकर्षण के आधार पर भी मानव व्यवहार की व्याख्या की है। 2 / 20 2. ‘अधिगम अक्षमता’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया? कुर्त गोल्डस्टिन कुकशैल वाइस व वैलने सैमुअल किर्क Solution • अधिगम अक्षमता – • सीखने की क्षमता की अनुपस्थिति • अधिगम अक्षमता शब्द का प्रयोग वर्ष 1963 में सैमुअल किर्क ने किया। • इसका अर्थ अधिगम अक्षमता वाक्, भाषा, पठन, लेखन या अंकगणितीय प्रक्रिया में से किसी एक या अधिक प्रक्रियाओं में मंदता, विकृति व अवरुद्ध विकास के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जो मस्तिष्क कार्य विरूपता/संवेगात्मक व व्यावहारिक विक्षोभ का परिणाम है। 3 / 20 3. की-बोर्ड पर टाइपिंग सीखते समय सीखने की गति पहले तो धीमी तथा अभ्यास होने पर टाइपिंग करने में तीव्रता आ जाती है, यह अधिगम वक्र है – नत्तोदर अधिगम वक्र (Concave Curve) उन्नतोदर अधिगम वक्र (Convex Curve) सरल रेखीय अधिगम वक्र (Curve of equal returns) S-आकारीय अधिगम वक्र (S-Shaped Curve) Solution • नत्तोदर वक्र/धनात्मक/वर्धन/सकारात्मक अधिगम वक्र (Concave Curve):- प्रारंभिक दशा में बहुत ही अधिक अभ्यास करने के उपरान्त भी अधिगम की मात्रा में बहुत ही कम वृद्धि होती है लेकिन अभ्यास की मात्रा में और वृद्धि करने पर धीरे-धीरे अधिगम की मात्रा में भी वृद्धि होने लगती है। अत: इससे बनने वाला वक्र नत्तोदर वक्र कहलाता है। 4 / 20 4. ऑटिज्म (स्वलीनता) से पीड़ित बच्चे होते हैं- आराम से घूमने में असमर्थ दूसरों के साथ आँख से सम्पर्क करने में असमर्थ प्रतिबंधित व्यवहार करने में असमर्थ नींद लेने में असमर्थ Solution • ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे दूसरों के साथ आँख से सम्पर्क करने में असमर्थ होते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चों को अन्य व्यक्ति के दृष्टिकोण को समझने में परेशानी होती है। इस प्रकार के बालक अन्य लोगों के कर्मों की भविष्यवाणी करने या समझने में असमर्थ होते हैं। 5 / 20 5. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए – सूची-I (वैज्ञानिक) सूची-II (सिद्धान्त) I थॉर्नडाइक A अनुकूलित अनुक्रिया II पावलॉव B पुनर्बलन का सिद्धान्त III क्लार्क हल C अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त IV कोहलर D उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त कूट : I-D, II-B, III-C, IV-A I-B, II-D, III-C, IV-A I-D, II-A, III-B, IV-C I-A, II-B, III-D, IV-C Solution थॉर्नडाइक – उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त पावलॉव – अनुकूलित अनुक्रिया क्लार्क हल – पुनर्बलन का सिद्धान्त कोहलर – अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त 6 / 20 6. जब पूर्व का अधिगम, नई स्थितियों में सीखने पर किसी भी प्रकार से कोई प्रभाव नहीं डालता है तो यह स्थानान्तरण कहलाता है – अधिगम का सकारात्मक स्थानान्तरण (Positive Transfer) अधिगम का शून्य स्थानान्तरण (Zero Transfer) अधिगम का नकारात्मक स्थानान्तरण (Negative Transfer) समस्या समाधान अधिगम Solution • अधिगम का शून्य स्थानान्तरण (Zero Transfer) :- जब पूर्व का अधिगम, नई स्थितियों में सीखने पर किसी भी प्रकार से कोई प्रभाव नहीं डालता है तो उसे अधिगम का शून्य स्थानान्तरण कहा जाता है। जैसे – रहीम का दोहा याद करने के बाद कबीर का दोहा याद करने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 7 / 20 7. “अनुभव तथा प्रशिक्षण के द्वारा व्यवहार में होने वाले परिवर्तन को सीखना या अधिगम कहते हैं।” उपर्युक्त कथन का संबंध है- गार्डनर मरफी वुडवर्थ गेट्स व अन्य किंगस्ले एवं गैरी Solution • गेट्स व अन्य :- “अनुभव तथा प्रशिक्षण के द्वारा व्यवहार में होने वाले परिवर्तन को सीखना या अधिगम कहते हैं।” • गार्डनर मरफी :- “सीखने या अधिगम शब्द में वातावरण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यवहार में होने वाले सभी प्रकार के परिवर्तन सम्मिलित हैं।” • किंगस्ले एवं गैरी :- “अभ्यास अथवा प्रशिक्षण के फलस्वरूप नवीन तरीके से व्यवहार करने अथवा व्यवहार में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया को सीखना कहते हैं।” 8 / 20 8. निम्नलिखित में से कौन-सी अधिगम अक्षमता चित्रांकन सम्बन्धी अक्षमता की ओर संकेत करता है? डिस्फेजिया डिस्प्रैक्सिया डिस्ग्राफिया डिस्लेक्सिया Solution • डिस्प्रैक्सिया मुख्य रूप से चित्रांकन सम्बन्धी अक्षमता की ओर संकेत करता है। इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं। 9 / 20 9. पावलॉव के अनुबंधन प्रयोग में भोजन के प्रति लार की अनुक्रिया है- UCS CS UCR CR Solution • अनानुबंधित अनुक्रिया (Unconditioned Response) – अनानुबंधित अनुक्रिया वह अनुक्रिया होती है जो बिना किसी प्रशिक्षण के अनानुबंधित उद्दीपक के उपस्थित होने पर स्वत: प्रकट हो जाती है। जैसे – पावलॉव के प्रयोग में अनुबंधन से पूर्व लार आने की अनुक्रिया सामान्य अनुक्रिया ही होती है जो भोजन के उपस्थित होने पर स्वत: ही प्रकट हो जाती है। इसे स्वाभाविक अनुक्रिया भी कहते हैं। 10 / 20 10. सुल्तान नामक चिम्पैंजी पर परीक्षण करने वाले वैज्ञानिक हैं- स्कीनर कोहलर वुडवर्थ वाटसन Solution • अंत:दृष्टि या सूझ का सिद्धांत :- अंत:दृष्टि/सूझ का सिद्धांत गेस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिकों की देन हैं। • प्रमुख गेस्टाल्टवादी – कोहलर, कोफ्का, मैक्स वर्दीमर, कुर्त लेविन। • प्रयोग – कोहलर ने सुल्तान नामक चिम्पैंजी पर परीक्षण किया। इस प्रयोग द्वारा कोहलर ने यह निष्कर्ष पाया कि विभिन्न समस्याओं को हल करने में उसके चिम्पैंजी ने प्रयास एवं त्रुटि विधि का प्रयोग नहीं किया। उसके अनुसार चिम्पैंजी ने सूझ या अंत:दृष्टि का प्रयोग कर अपनी समस्या को हल करने में सफलता प्राप्त की। 11 / 20 11. निम्नलिखित में से कौन-सा/से कारक शिक्षार्थियों के सीखने को प्रभावित करता/करते है/हैं? (1) परिवार संरचना (2) सामाजिक-आर्थिक स्थिति (3) सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (4) विद्यालय का प्रकार नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें – (3) व (4) (2) व (3) (1), (2), (3) व (4) केवल (4) Solution • शिक्षार्थियों के सीखने को प्रभावित करने वाले कारक – • विद्यार्थी की मूलभूत क्षमता तथा योग्यता • परिवार संरचना • सामाजिक-आर्थिक स्थिति • विद्यालय का प्रकार • सांस्कृतिक पृष्ठभूमि • अधिगमकर्ता का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य 12 / 20 12. ‘दोहराव और बार-बार किए जाने वाला व्यवहार’ निम्नलिखित में से किसकी विशेषता है? स्वलीनता गुणज वैकल्य पठन वैकल्य दृष्टि बाधित Solution • स्वलीनता – स्वलीनता एक न्यूरो विकास विकार है, जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और सम्पर्क को प्रभावित करती है। इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है। 13 / 20 13. डिस्लेक्सिया मुख्य रूप से किस कठिनाई से जुड़ा है? गायन सोच पढ़ना चलना Solution • डिस्लेक्सिया– पठन विकार लक्षण – वाचन परिशुद्धता, गति तथा बोध की समस्याएँ। – बार-बार वर्तनी संबंधी त्रुटियाँ करना। – बोलचाल में देरी। – अक्षरों के नामकरण में त्रुटियाँ। – छपे हुए शब्दों को सीखने और याद करने में कठिनाइयाँ। – सही शब्द को बोल पाने में कठिनाई। – पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना। 14 / 20 14. मिश्रित अधिगम वक्र (Mixed Curve) है – सकारात्मक अधिगम वक्र सकारात्मक अधिगम वक्र सरल रेखीय अधिगम वक्र S – आकार अधिगम वक्र Solution • S – आकार/मिश्रित अधिगम वक्र (Mixed Curve) :- जब बालक/व्यक्ति के सीखने में बार-बार उतार-चढ़ाव होता रहता है तो ऐसी स्थिति में प्राप्त होने वाला वक्र सर्पिलाकार होता है तथा इसमें S व U आकृतियाँ नजर आती हैं इसलिए S/U आकार अधिगम वक्र कहलाता है। 15 / 20 15. निम्नलिखित में से असुमेलित विकल्प का चयन कीजिए – डिस्लेक्सिया – पठन विकार डिस्ग्राफिया – भ्रम/संदेह विकार एलेक्सिया – सीखने की अक्षमता डिस्केल्कुलिया – गणितीय विकार Solution • विभिन्न अधिगम निर्योग्यताएँ – 1. डिस्लेक्सिया – पठन विकार, शब्दों को उल्टा पढ़ना, स्वर वर्णों का लोप। 2. डिस्ग्राफिया – लेखन विकार, अनियमित आकार। 3. डिस्प्रेक्सिया – सूक्ष्म व स्थूल गामक कौशल अयोग्यता, हाथों एवं आँखों के मध्य समन्वय स्थापित नहीं होता है। 4. डिस्केल्कुलिया – गणितीय विकार, अंकों, संख्या को समझने की अयोग्यता। 5. डिस्मोर्फिया – भ्रम/संदेह विकार, रस्सी को साँप समझना। 6. एलेक्सिया – सीखने की अक्षमता। 16 / 20 16. अधिगम से तात्पर्य है – व्यवहार में अस्थायी परिवर्तन परिपक्वता के कारण परिवर्तन अभ्यास एवं अनुभवों के माध्यम से व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन बीमारी एवं थकान के कारण व्यवहार में परिवर्तन Solution • अधिगम :- अभ्यास एवं अनुभवों के माध्यम से व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन ही अधिगम कहलाता है। सामान्य शब्दों में सीखना अधिगम कहलाता है। • सामान्य रूप से किसी बालक में परिपक्वता के कारण, बीमारी के कारण होने वाला कोई भी अस्थायी बदलाव अधिगम नहीं होता है। • अधिगम की परिभाषा में केवल उन्हीं व्यवहारों को सम्मिलित किया जाता है जिनमें परिवर्तन, परिमार्जन या सुधार के रूप में तथा अपेक्षाकृत स्थायी होते हैं। जैसे कि – सारटेन के अनुसार प्रतिदिन होने वाले नए-नए अनुभवों के कारण व्यवहार में स्थायी परिवर्तन को ही अधिगम कहते हैं। 17 / 20 17. निम्नलिखित में से कौन-सा सीखने का संज्ञानात्मक सिद्धांत नहीं है? लेविन का क्षेत्र सिद्धांत अन्तर्दृष्टि का सूझ सिद्धांत चिह्न का सिद्धांत शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत Solution • अधिगम के संज्ञानात्मक सिद्धांत– – अन्तर्दृष्टि का सूझ सिद्धांत – चिह्न अधिगम सिद्धांत – लेविन का तलरूप क्षेत्र सिद्धांत – सामाजिक अधिगम सिद्धांत • जबकि शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत का संबंध सीखने के व्यवहारवाद से संबंधित है। 18 / 20 18. प्रेरणा-प्रबलन ह्रास सिद्धांत के प्रदाता हैं- हल फ्रायड मैस्लो केपसन Solution • प्रेरणा-प्रबलन ह्रास सिद्धान्त :- • प्रतिपादक – सी.एल.हल. (अमेरिका) • पुस्तक – प्रिंसीपल्स ऑफ बिहेवियर्स सिद्धान्त के अन्य नाम :- • आवश्यकता पूर्ति का सिद्धान्त • पुनर्बलन का सिद्धान्त • आवश्यकता का सिद्धान्त • सबलीकरण का सिद्धान्त • यह सिद्धान्त थॉर्नडाइक व पावलॉव के सिद्धान्त पर आधारित है। 19 / 20 19. निम्नलिखित में से कौन-कौन-सी अधिगम की विशेषताएँ हैं? 1. लक्ष्य निर्दिष्ट 2. जीवनपर्यन्त प्रक्रिया 3. सार्वभौमिक कूट:– 1 और 3 1 और 2 2 और 3 1, 2 और 3 Solution • अधिगम की विशेषताएँ – – अधिगम सम्पूर्ण जीवन चलता है। – अधिगम विकास है। – अधिगम अनुकूलन है। – अधिगम नया कार्य करना है। – अधिगम वातावरण की उपज है। – अधिगम व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों हैं। – लक्ष्य निर्दिष्ट है। – सार्वभौमिक 20 / 20 20. आसुबेल (Ausubel) द्वारा दिया गया सीखने का प्रकार है– (1) अभिग्रहण सीखना (Receptive Learning) (2) अनुकरण सीखना (Imitation Learning) (3) अन्वेषण सीखना (Explorative Learning) (4) रटकर सीखना (Rote Learning) (5) अर्थपूर्ण सीखना (Meaningful Learning) कूट:– 1, 2, 3 एवं 4 1, 3 एवं 4 2, 3, 4 एवं 5 1, 3, 4 एवं 5 Solution • आसुबेल के अनुसार सीखने के प्रकार– – अभिग्रहण सीखना (Receptive Learning) – अन्वेषण सीखना (Explorative Learning) – रटकर सीखना (Rote Learning) – अर्थपूर्ण सीखना (Meaningful Learning) Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now