REET राष्ट्र्र्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (2005) | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न by RPSC | December 21, 2024 Facebook फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now Report a question What’s wrong with this question? You cannot submit an empty report. Please add some details. /10 26 12345678910 राष्ट्र्र्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (2005) | बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ | REET 2025 | मनोविज्ञान | महत्वपूर्ण प्रश्न 🔴महत्वपूर्ण निर्देश 🔴 ✅ टेस्ट शुरू करने से पहले कृपया सही जानकारी भरे | ✅ सभी प्रश्नों को आराम से पढ़कर उत्तर दे | ✅सभी प्रश्नों का उत्तर टेस्ट पूर्ण करने पर दिखाई देगा | ✅ टेस्ट पूर्ण करने पर सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से समझाया गया है | Name 1 / 10 1. NCF-2005 बल देता है– करके सीखने पर रटने पर समस्या हल करने पर उपर्युक्त सभी Solution – NCF-2005 ‘करके सीखने पर’ बल देता है। करके सीखना अर्थात् जो कार्य स्वयं करके सीखा जाता है, उसका अधिगम स्थायी और लम्बे समय तक रहता है। – बालक को ऐसे अवसर प्रदान करें कि वह खुद सीखे, नए-नए प्रयोग करे उसे आजमाये और खुद ही सुधार करे ताकि ज्यादा से ज्यादा सीख सके। 2 / 10 2. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में बहुभाषा को एक संसाधन के रूप में समर्थन दिया गया है क्योंकि- यह एक तरीका है जिसमें प्रत्येक बालक सुरक्षित महसूस करें। भाषागत पृष्ठभूमि के कारण कोई भी बालक पीछे न छूट जाए। यह बालकों को अपने पर विश्वास के लिए प्रोत्साहन देगा। उपर्युक्त सभी Solution -‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005’ को प्रो. यशपाल समिति द्वारा ‘शिक्षा बिना बोझ के’ की अवधारणा तथा बाल-शिक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। -‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005’ के अध्याय 3 में भाषा से संबंधित उपबन्ध किया गया है। इस दस्तावेज में भाषा में द्वि/बहुभाषिकता निहित है। -‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005’ में बहुभाषा को एक संसाधन के रूप में समर्थन दिया गया है जिससे हर बच्चा स्वीकार्य और संरक्षित महसूस करे और भाषिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी को पीछे न छोड़ा जाए। 3 / 10 3. निम्नलिखित में से कौन नेशनल स्टीयरिंग कमेटी NCF-2005 के अध्यक्ष थे? श्री अर्जुन सिंह प्रो. यशपाल प्रो. कृष्ण कुमार प्रो. वेद प्रकाश Solution -नेशनल स्टीयरिंग कमेटी NCF-2005 के अध्यक्ष प्रो. यशपाल हैं। प्रो. यशपाल की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट जिसका शीर्षक था। ‘लर्निंग विदाउट बर्डन’ (शिक्षा बिना बोझ के) 1993, साथ ही 21 राष्ट्रीय फोकस समूहों का भी गठन किया गया। 4 / 10 4. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में ‘गुणवत्ता आयाम’ शीर्षक के अन्तर्गत अधिक महत्त्व दिया गया है- भौतिक संसाधनों को शिक्षित एवं अभिप्रेरित अध्यापकों को बालकों के लिए ज्ञान के संदर्भ में संरचित अनुभवों को बालकों के लिए संरचित अनुभव एवं पाठ्यक्रम सुधार को। Solution -‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005’ को प्रो. यशपाल समिति द्वारा ‘शिक्षा बिना बोझ के’ की अवधारणा तथा बाल शिक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। -‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005’ के ‘अध्याय-1 परिप्रेक्ष्य’ के भाग-1.5 में ‘गुणवत्ता के आयाम’ का जिक्र किया गया है। -गुणवत्ता के आयाम के अंतर्गत शिक्षा में गुणवत्ता के अंतर्गत जीवन के सभी आयामों के गुणवत्ता संबंधी सरोकार शामिल है। अत: विकल्प चार बालकों के लिए संरचित अनुभव एवं पाठ्यक्रम सुधार, सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। 5 / 10 5. निम्नलिखित में कौन-सा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 ढाँचे में मार्गदर्शक सिद्धांत नहीं है? ज्ञान को स्कूल के बाहर के जीवन से जोड़ना। परीक्षा को अधिक लचीला और कक्षा जीवन में एकीकृत करना। पढ़ाई को रटंत प्रणाली से युक्त रखना। पाठ्य-पुस्तक केन्द्रित रहने की बजाय बच्चों के समग्र विकास के लिए समृद्ध पाठ्यचर्या प्रदान करना। Solution -राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के रूपरेखा हेतु प्रो. यशपाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। -यशपाल समिति ने पाठ्यचर्या निर्माण के पाँच निर्देशक सिद्धान्तों का प्रस्ताव रखा है- – ज्ञान को स्कूल के बाहर के जीवन से जोड़ना। – परीक्षा को अधिक लचीला और कक्षा जीवन में एकीकृत करना। – पढ़ाई को रटंत प्रणाली से मुक्त रखना। – पाठ्य-पुस्तक केन्द्रित रहने की बजाय बच्चों के समग्र विकास के लिए समृद्ध पाठ्यचर्या प्रदान करना। – प्रजातांत्रिक राज्य-व्यवस्था के अन्तर्गत ऐसी पहचान का विकास करना जिसमें राष्ट्रीय चिन्ताएँ समाहित हो। 6 / 10 6. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 किस सूझ के आधार पर पाठ्यचर्या के बोझ को कम करने पर बल देती है? शिक्षा, बिना बोझ के बोझ युक्त अधिगम के शिक्षा के संकुचित अर्थ के मानसिक स्वास्थ्य के Solution -राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 शिक्षा, बिना बोझ के आधार पर पाठ्यचर्या के बोझ को कम करने पर बल देती है। इसके अनुसार मानसिक स्तर एवं योग्यता के अनुसार पाठ्यक्रम का निर्धारण होना चाहिए। 7 / 10 7. NCF-2005 के अनुसार भाषाई अल्पसंख्यक वाले वर्गों के बच्चों को शिक्षा किस भाषा में दी जानी चाहिए? अंग्रेजी में हिन्दी में उनकी मातृभाषा में संस्कृत में Solution -NCF-2005 के अनुसार भाषाई अल्पसंख्यक वाले वर्गों के बच्चों को शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के अनुसार, शिक्षा की भाषा, बच्चे की मातृभाषा होनी चाहिए। बच्चे में भाषा समझने, अभिव्यक्त करने की क्षमता जन्मजात होती है। 8 / 10 8. NCF-2005 में किन शिक्षण सूत्रों के अधिकतम प्रयोग का सुझाव दिया है- ज्ञात से अज्ञात की ओर मूर्त से अमूर्त की ओर अज्ञात से ज्ञात की ओर 1 और 2 दोनों Solution -NCF-2005 में ‘ज्ञात से अज्ञात की ओर’ ‘मूर्त से अमूर्त की ओर’ शिक्षण सूत्रों के अधिकतम प्रयोग का सुझाव दिया है। ‘ज्ञात से अज्ञात की ओर’ इस शिक्षण सूत्र के अनुसार शिक्षक को छात्रों को पहले वह बातें बतानी चाहिए, जिससे कि छात्र परिचित है, फिर इन परिचित बातों से सम्बन्धित अपरिचित या अज्ञात बातें, इन परिचित बातों के साथ जोड़कर छात्र को बतानी चाहिए। मूर्त से अमूर्त की ओर, इस शिक्षण सूत्र के अनुसार छात्रों को पहले दिखाई देने वाली वस्तु को बतानी चाहिए तत्पश्चात् कल्पना के आधार पर अमूर्त बातें बतानी चाहिए। 9 / 10 9. NCF-2005 के अनुसार शिक्षा के लक्ष्य के सन्दर्भ में सत्य कथन है- बच्चों को बाह्य अनुभवों से जोड़ना। आत्म ज्ञान शिक्षा को मुक्त करने वाली प्रक्रिया के रूप में देखना। उपर्युक्त सभी Solution -उपर्युक्त सभी विकल्प शिक्षा के लक्ष्य के सन्दर्भ में सत्य कथन हैं। बच्चे को बाह्य अनुभवों से जोड़ने के लिए उसे बोलने का मौका देना चाहिए। आत्म-ज्ञान हेतु विभिन्न तरह के अनुभवों का अवसर देना चाहिए। शिक्षा की प्रक्रिया को सभी तरह के शोषण, अन्याय, गरीबी, लिंगभेद, जाति तथा सम्प्रदायिक झुकाव से मुक्त होना चाहिए। 10 / 10 10. NCF-2005 के अनुसार बाल-केन्द्रित शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक को किस प्रकार नियोजित करने की आवश्यकता है? शारीरिक स्तर के अनुरूप सामाजिक स्तर के अनुरूप अभिरुचि के अनुरूप आर्थिक स्तर के अनुरूप Solution -NCF-2005 के अनुसार बाल-केन्द्रित शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा को अभिरुचि के अनुरूप नियोजित करने की आवश्यकता है। अभिरुचि से तात्पर्य है- पसंद, झुकाव, रुझान, शौक विशेष रुचि। Your score is 0% पुनः प्रारम्भ करे आपको यह क्विज कैसी लगी ….रेटिंग दे | धन्यवाद 😍 👇👇 Send feedback फ्री टेस्ट , नोट्स और अपडेट के लिए Join करे 👇👇 Join WhatsApp Join Now Join Telegram Join Now